एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा गोरखपुर के (Gorakhpur deaths PIL) दुखद हादसे के सम्बन्ध में दायर जनहित याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार और चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को 06 सप्ताह में विस्तृत जवाब देने के आदेश देते हुए 09 अक्टूबर 2017 को सुनवाई की अगली तिथि नियत किया है।
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- यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस दया शंकर तिवारी की बेंच ने नूतन, रज्य सरकार के महाधिवक्ता राघवेन्द्र प्रताप सिंह तथा चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के अधिवक्ता संजय भसीन को सुनने के बाद पारित किया।
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- महाधिवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में सभी संभव कदम उठा रही है।
- मुख्य सचिव की रिपोर्ट आने के बाद शेष सभी कार्यवाही की जाएगी।
- इस पर नूतन ने कहा कि राज्य सरकार के अब तक के कार्यों से ऐसा सन्देश गया है कि वे कुछ छिपाना चाहते हैं और कतिपय लोगों का बचाव किया जा रहा है।
- जिससे लगता है कि मुख्य सचिव की जाँच एक दिखावा ही होगी।
- उन्होंने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस करने की समस्या को रखते हुए इन्हें भी सख्ती से रोके जाने (Gorakhpur deaths PIL) की प्रार्थना की।
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