मनोज बाजपेयी की फिल्मों की सबसे खास बात यह होती है कि उनकी ज्यादातर फिल्में सच्ची घटनाओं पर आधारित होती है। वालीबुड के इस अभिनेता की नयी फिल्म ट्रैैफिक वैसे तो 2011 में आयी एक मलयालम फिल्म की रिेमेक है। लेकिन हिन्दी सिनेमा के दर्शको केे लिए यह फिल्म वाकई खास होने वाली है। इस फिल्म की एक खासियत यह भी है कि इसके डायरेक्टर राजेश पिल्लई अब इस फिल्म को देखने के लिए इस दुनिया में नहीं हैंं। उनकी कुछ महीने पहले ही डेथ हो गई है।
इस फिल्म में कई कहानियां एक साथ चलती है और इन कहानियाेंें को देखने के बाद ऐसा लगता है कि यह सारे किरदार तो हमारे आस पास ही कही मौजूद है। फिल्म के सारेे किरदारों काा एक कॉमन कनेक्शन यह है कि सबका एक ही मकसद है कि वह किसी भी तरह अपने प्रयासों के जरीये लोगो की जान बचा पाये। फिल्म में मनोज बाजपेयी ट्रैफिक पुलिस के एक सिपाही का किरदार निभा रहें हैं जिसका अपना एक पास्ट है। यह किरदार अपने पास्ट को भूलने की पूरी कोशिश करता है लेकिन भुला नही पाता। फिल्म के बाकी किरदार भी इस किरदार से कही न कही से जुड़े हुए है।
इस फिल्म जितने भी एक्टर्स है सबने अपना किरदार अपनी पूरी शिद्दत के साथ निभाया है। मनोज बाजपेयी को इस फिल्म की जान कहा जा सकता है। उन्होने अपने किरदार को कुछ इस तरह से जिया है कि उसे भूलना दर्शकों के लिए आसान नहीं होगा।