अनुराग कश्यप की फिल्म उड़ता पंंजाब पिछले कई दिनों से चर्चाओं में बनी हुई थी। तमाम विवादों के बाद आज आखिरकार ये फिल्म सिनेमा घरों में रिलीज हो गई। जिस तरीके से इस फिल्म को लेकर पिछले कुछ दिनों से हंगामा मचा था उसकी वजह से इस फिल्म को देखने के लिए लोगो की उत्सुुकता काफी बढ़ गई है।
इस फिल्म की कहानी की बात करे तो पंंजाब में ड्रग्स के धंधेे को दिखाने की ईमानदारी कोशिश करती हुई नजर आती है। इस फिल्म में तीन अलग-अलग कहानियां हैं जिसे जोड़ता है ड्रग्स और इसका कारोबार।
फिल्म में पहली कहानी शाहिद कपूर की है जो एक रॉकस्टार बने है। इस रॉक स्टारर को देखकर पंजाब में युवा तेजी के साथ नशे की तरफ बढ़ रहे है। दूसरी कहानी है अलिया भट्ट की, जो बिहार से आई एक मज़दूर है और अनजाने में ड्रग माफिया के चंगुल में फंस जाती है। और तीसरा हिस्सा है डॉक्टर बनी करीना कपूर और पुलिस अफसर बने दिलजीत दोसांझ का जो पंजाब को ड्रग्स से आज़ाद में जुटे हैं।
फिल्म का चित्रांकन अच्छा है और परदे पर देखने पर ऐसा लगता है कि हम ड्रग्स की दुनिया और उसकी तड़प देख रहे हैं। करीना के पास बहुत ज़्यादा कुछ करने को नहीं था। दिलजीत की भूमिका अच्छी है। शाहिद कपूर ने नशे की चादर में लिपटे रॉकस्टार के किरदार के हर पहलू को बखूबी पकड़ा है, लेकिन असल में अभिनय से दिल जीता है अलिया भट्ट ने। फ़िल्म में शाहिद और आलिया की मुलाक़ात के पहले सीन ने फ़िल्म में जान डाली है।
आपको एक और बात बता दें कि पंजाबी पृष्ठभूमि पर इस फिल्म को बनाये जाने की वजह से इस फिल्म के अधिकतर डॉयलाग पंजाबी में है। इसमें 90% से भी ज्याद संवाद पंजाबी में हैं और इसलिए फिल्म में अंग्रेजी सब टाइटल डाले गए हैं। फिर भी आप इस फ़िल्म को एक बार देखिये क्योंकि ‘उड़ता पंजाब’ कम से कम एक बात तो सिखाती है कि ड्रग्स के दलदल में जान-बूझकर घुसो या अनजाने में, अंजाम बहुत ही बुरा होता है।
इसे भी देखे-विवादित फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ रिलीज़ होने से पहले ही हुई लीक