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बॉलीवुड के मशहूर कलाकार ओम पुरी का आज हार्ट अटैक से निधन हो गया है. उनके अचानक हुए निधन से जैसे बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर गूंज उठी है. हर कोई इस खबर को सुन कर स्तब्ध रह गया है. कई बॉलीवुड सितारों ने इस बात का शोक सोशल मीडिया साईट ट्विटर पर ट्वीट करके ज़ाहिर किया है. ओम पुरी ने सिनेमा जगत और मनोरंजन को अपने कार्यकाल में बहुत कुछ दिया है.
जानिये उनकी फिल्मों के दस बेस्ट डायलॉग्स :
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- फिल्म ‘ओह माय गॉड’ का ‘मज़हब इंसानों के लिए बनता है.. मज़हब के लिए इंसान नही बनते है.
- फिल्म ‘अग्निपथ‘ का ‘जिस दिन पुलिस की वर्दी का साथ पकड़ा था.. उस दिन डर छोड़ दिया था’.
- ‘चाइना गेट’ का ‘ जंग कोई भी हो नतीजा कुछ भी हो.. एक सिपाही अपना कुछ न कुछ खो ही देता है’.
- ‘प्यार तो होना ही था‘ का हर इन्सान को ज़िन्दगी में एक बार प्यार ज़रूर करना चाहिए..प्यार इन्सान को अच्छा बना देता है’.
- ‘घायल वंस अगेन’ का ‘जब एक भ्रष्ट आदमी मरता है तो उसकी सत्ता ख़त्म होती है..
- और जब एक सच्चा आदमी मरता है तो उसकी सत्ता शुरू हो जाती है’.
- फिल्म चक्रव्यूह का ‘मैं ऐसे लोकतंत्र में विश्वास नहीं करता.. जो गरीबों की इज्ज़त करना नही जनता’.
- फिल्म ‘नरसिम्हा’ का मेरा फरमान आज भी इस शहर का कानून है…मैं जब भी करता हूँ इंसाफ ही करता हूं’.
- हर्टलेस का ‘ एक कतरा जब ज़रा सा उभरता है..तो समुद्र के लहजे में बात करता है…चाहतों के दिए कब के बुझ गए होते,
- कोई तो है जो हवा के पर कतरता है.. और ज़मीन की कोई वकालत नही चलती, जबी कौई फैसला आसमान से उतरता है’.
- फिल्म बाबुल का ‘परंपराओं की लकीरे जब धुंधली पड़ जाती है.. तो नहीं लकीरे खीचने से परहेज़ नही करना चाहिए’.
- आवारा पागल दीवाना का ‘ जैसे ही मैंने उसकी कनपट्टी पर यह गनपट्टी रखी..
- उसका चेहरा बिना दूध की चाय जैसा पड़ गया…मारने से पहले मेरे बाल डाई कर देना’.
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