पिछले कुछ दिनों से नेशनल एलिजिबिलिटी एंड एंट्रेंस टेस्‍ट (NEET) को लेकर मेडिकल की तैयारी करने वाले राज्‍य बोर्डो के तमाम छात्रों के सामने सबसे बड़ा़ सवाल ये था कि क्‍या इस बार से ही उन्‍हें NEET की परीक्षा में सम्मिलित होना पड़ेगा। NEET की परीक्षा को लेकर राज्य बोर्डों के छात्रों केे जितने भी सवाल थे, उन सभी सवालों का समाधान अब इन छात्रों को मिल गया है।

दरअसल बात ये है कि छात्राें के विरोध के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नेशनल एलिजिबिलिटी एंड एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के दायरे से इस साल राज्य बोर्डों को बाहर रखने के लिए लाए गए अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। राष्ट्रपति ने जानकारों से इस अध्यादेश पर कानूनी सलाह भी मांगी थी। इस परीक्षा को लेकर लीगल एडवाइजरोें से चर्चा भी की गई जिसके बाद इस पर फैसला लिया गया।

आपको बताते चले कि इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस परीक्षा को आंशिक रूप से टालने पर अपनी मंंजूरी दी थी जिसका मकसद इस साल के लिए इस परीक्षा को टालना था। NEET को लेकर केंंद्रीय कैबिनेट द्वारा जारी किये गये अध्‍यादेश में कहा गया कि सभी सरकारी कॉलेज, डीम्ड यूनिवर्सिटी और निजी मेडिकल कॉलेज NEET के दायरे में आएंगेे।

 

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