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देश में बढ़ते कोचिंग संस्थानों के जाल में आज के होनहार छात्र जकड़कर रह गयें हैं, आज के समय में किसी विशेष कोचिंग संस्थान में दाखिले को सफलता की गारण्टी के तौर पर देखा जाता है। बिहार की राजधानी पटना में गरीब छात्रों के लिए निशुल्क सुपर-30 कोचिंग संस्थान की शुरूआत करके इसके संस्थापक आनंद कुमार ने देश-विदेश में सुर्खियां बटोरी, लेकिन इसके साथ ही उनपर कई तरह के आरोप लगते रहें हैं।
मालूम हो कि पटना में एक छोटे से कमरे में शुरू की गई आनंद कुमार की सुपर-30 नाम की इस मुहिम को खूब सराहा गया। देश की कई नामचीन हस्तियों नें आनंद कुमार को उनके इस सकारात्मक प्रयास के लिए शुभकामनाएं दी। आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में पाँच कालिदास मार्ग स्थित अपने आवास पर आनंद कुमार के जीवन पर आधारित पुस्तक “सुपर-30” का विमोचन किया।
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- आनंद कुमार पर उनके ही कोचिंग संस्थान के कई छात्रों ने बेहद गंभीर आरोप लगाये हैं। गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा मुहैया कराने वाले आनंद कुमार के बारे में कहा जाता है कि वह सुपर-30 के प्रमोशन के जरिये रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमैटिक्स नाम से एक कोचिंग संस्थान चलाते है।
- जहां हर साल करीब 10000 बच्चें दाखिला लेते हैं। उनके इस संस्थान में एक बैच में करीब 800 से 1000 बच्चों को शामिल किया जाता है और उनसे मोटी फीस वसूली जाती है।
- सुपर-30 के सभी छात्रों का IIT की ़टॉप रैंक के साथ के 100 फीसदी प्लेसमेंट का दावा करने वाले आनंद कुमार के सामने मुख्य सवाल यह है कि उनके ही दूसरे कोचिंग संस्थान से कितने छात्रों का प्लेसमेंट होता है?
- सूत्रों के हवाले से खबर है कि आनंद कुमार के कोचिंग संस्थान रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमैटिक्स में पढ़ने वाल 9 से 10 हजार छात्रों में बमुश्किल कुछ का ही चयन हो पाता है और अगर इनमें से किसी छात्र को ऊँची रैंक हासिल होती है तो उसे सुपर-30 का बताया जाता है।
- आनंद कुमार पर आरोप है कि वह आर्थिक तौर पर कमजोर और गरीब बच्चों को सुपर-30 के लिए सेलेक्ट करने का दावा करते हैं जबकि वास्तविकता यह है कि सुपर-30 संस्थान के लिए बच्चों को सेलेक्शन एक परीक्षा के माध्यम से किया जाता है।
- आनंद कुमार 30 बच्चों को कोचिंग में पढ़ाने का दावा करते हैं जबकि बच्चों को प्रवेश परीक्षा से गुजरना होता है, चयन उन्हीं का होता है जो आनंद कुमार के IIT लेवल के टेस्ट में पास हो पाते हैं।
- बताया जा रहा है कि सुपर-30 के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा में देशभर के करीब 10000 छात्र शामिल होते हैं जिनमें से पहले 200 टॉपर छात्रों का चयन किया जाता है बाद में चयनित इन 200 में से उन 30 को सुपर-30 में शामिल किया जाता है जो एक साल पहले ही IIT लेवल का पेपर सॉल्व करने की क्षमता रखते हैं।
- मालूम हो कि आनंद कुमार रिजल्ट घोषित होने से पहले पूरे साल तक सुपर-30 के छात्रों का नाम घोषित नहीं करते हैं, और इस बार भी उन्होंने छात्रों का परीक्षा परिणाम आने के बाद सुपर-30 के छात्रों के नाम सार्वजनिक किये थे।
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aisa kabhi suna nhi wakai me yah to sochne wali bat hai jaisa ki aapne bataya ….