इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं एचसीएफआई अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि 11 करोड़ लोग भारत में 60 साल से ज्यादा आयु के हैं। मतलब कुल आबादी का 10 प्रतिशत भाग वृद्धावस्था का जीवन व्यतीत कर रहा है। आज विश्व वृद्धावस्था दिवस (1 अक्टूबर) है।
स्वस्थ्य रहने के लिए यह करें :
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि उम्र का बढ़ना जीवन का सच है। इससे आजतक कोई नहीं बच पाया है। बुढ़ापे के साथ-साथ काम करने के तरीकों में भी बदलाव आता है। इसीलिए डॉ. अग्रवाल ने वृद्धावस्था में स्वस्थ रहने के कुछ टिप्स दिए हैं।
धूम्रपान का सेवन ना करें :
- धूम्रपान का सेवन ना करने से कैंसर जैसी गंभीर बिमारी से बचा जा सकता है।
- बीड़ी सिगरेट छोड़ने से स्ट्रोक और दिल के दौरे से भी बचा जा सकता है।
- वृद्धावस्था में धूम्रपान छोड़ना ही सही समय होता है।
फिट रहें :
- वृद्धावस्था में नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए जिससे आप चुस्त व दुरस्त रह सकें।
- और शरीर में ताकत,संतुलन और लचक भी बनी रहे।
- इस अवस्था में नियमित रूप से कुछ ऐसा भी करना चाहिए जिसे करते वक़्त आपको ख़ुशी मिले और अच्छा लगे।
- आपका वज़न आपको बिमारी से बचाने व हड्डियों को मज़बूत बनाने और आपका तनाव कम करने में बहुत मदद करता है।
दुर्घटना में गिरने से बचें :
- वृद्धावस्था में खासतौर पर गिरने से बचना चाहिए।
- घर में बिछे खुले कालीन व पायदान हटा देना चाहिए जिससे गिरने की संभावनाएं कम हों।
- रास्ते में पड़ी चीजों को भी हटा देना चाहिए रात में वहां रौशनी की भी व्यवस्था करनी चाहिए।
- इस अवस्था में अच्छी रगड़ वाले जूतें आपको गिरने से बचा सकते हैं।
दिल को स्वस्थ्य रखें :
- बढ़ती उम्र के साथ दिल से सम्बंधित बीमारियाँ भी बढ़ती रहती है।
- इसलिए खाने में विशेष रूप से संतुलित आहार लें और अपना रक्तचाप बेहतर बनाये रखें।
- साथ ही कम नमक,चीनी और कम कोलेस्ट्राल वाला आहार लें।
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संतुलित आहार का सेवन :
- बढ़ती उम्र के साथ खान-पान में भी बदलाव आता है इसलिए ज्यादा से ज्यादा खाने में संतुलित आहार लेना चाहिए।
- कैल्शियम और विटामिन डी सप्लीमेंटस महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।
- हाईपरटेंशन, डायबिटीज, मोटापा और ओस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से खुद की रक्षा करें।
मानसिक तौर पर स्वस्थ्य रहें :
- डेमेंशिया और कंजीनेटिव एम्पेयरमेंट जैसी बीमारियों से बचने के लिए अपने दिमाग को शांत रखें।
- अगर कभी कोई समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
नींद पूरी करें :
- इस अवस्था में नींद ना आना व दिन में ज्यादा सोना आम बात है।
- तनाव से जितना हो सके दूरी बनाये रखें और डॉक्टर के संपर्क में रहें।
- इनसब से बचने के लिए योग व दूसरी सकारात्मक क्रियाओं में अपना मन लगायें।
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