सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक़ पर फैसला सुनाते हुए मामले पर रोक लगा दी है। कोर्ट में पांच में से तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया गया है। बता दें कि भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (BMMA) द्वारा मुस्लिम पर्सनल लॉ (MPL) में सुधार की मांग की गई थी। मुस्लिम पर्सनल लॉ तीन तलाक के पक्ष में है। भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (BMMA) 10 राज्यों में मुस्लिम पर्सनल लॉ (MPL) में सुधार के लिए काम कर रही है।
भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन में कराया था सर्वे-
- भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (BMMA) का अहम मुद्दा है ‘तीन तलाक’।
- BMMA ने इस सर्वे में 4,710 महिलाओं की राय जानी।
- इस सर्वे में मुस्लिम महिलाओं ने ट्रिपल तलाक, बहुविवाह और शरिया अदालतों पर खुलकर अपनी बात रखी।
- सर्वे में अपनी बात रखने वाली 73 फीसदी महिलाएं गरीब तबके से ताल्लुख रखती थी।
- 55 फीसदी औरतों का निकाह 18 वर्ष से कम की उम्र में हुआ।
- जबकि 44 फीसदी महिलाओं के पास अपना निकाहनामा तक नहीं है।
सर्वे में यह बातें आई सामने-
- BMMA के सर्वे में कहा गया कि देश की करीब 92 फीसदी मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक पर रोक चाहती हैं।
- 75 प्रतिशत महिलाएं चाहती हैं कि लड़की की शादी की उम्र 18 होनी चाहिए जबकि लड़के की 21 साल।
- सर्वे में शामिल महिलाओं में 65.9 फीसदी महिलाओं का जुबानी तलाक हुआ।
- जबकि 78 फीसदी महिलाओं का तलाक एकतरफ़ा हुआ।
- सर्वे में शामिल 91.7 फीसदी महिलाएं अपने पति के दूसरे निकाह के खिलाफ हैं।
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