हिजबुल के आतंकी बुरहान बानी के मारे जाने के बाद पनपी हिंसा में कश्मीर जल रहा था. 51 दिनों के बाद सरकार ने कश्मीर घाटी के 10 जिलों से कर्फ्यू हटाया है. कश्मीर के लोगों की दिनचर्या अब सामान्य होती दिख रही है.
बड़े पैमाने पर हुआ नुकसान:
- 51 दिनों के कर्फ्यू ने कश्मीर को जकड़ रखा था.
- बुरहान के मारे जाने के बाद अलगाववादियों द्वारा सेना के जवानों पर पत्थर फेंके जाने लगे थे.
- कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में हिंसा बुरी तरह भड़क गई थी. सेना द्वारा पेलेट गनों का इस्तेमाल भी हुआ.
- जिसका देश के कई भागों में विरोध भी किया गया.
- अंतत: गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दबाव में आकार सेना को पेलेट गन का इस्तेमाल ना करने का निर्देश दिया था.
- इस हिंसा में 70 से ज्यादा लोग मारे चुके हैं.
- इस हिंसा में करीब 9000 लोग घायल हुए थे.
- सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस हिंसा के दौरान करीब 6400 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है.
- कर्फ्यू के दौरान स्थानीय लोगों को खाने-पीने की दिक्कत हो गई थी.
- मेडिकल सुविधाओं से लोग वंचित हो गए थे.
- राजनाथ सिंह ने दो बार घाटी का दौरा भी किया था.
- मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती के साथ बात भी की थी.
- हाल ही में महबूबा मुफ़्ती ने पीएम मोदी से मिलकर कश्मीर के मुद्दे पर बात की थी.
- उसके अगले ही दिन कश्मीर घाटी के 10 जिलों से कर्फ्यू हटाने का फैसला किया गया है.
कश्मीर घाटी के 10 जिलों में से 7 में कर्फ्यू और तीन जिलों में धारा 144 लागू थी. श्रीनगर के दो थाना इलाकों नौहट्टा और महाराजगंज थाना इलाकों से कर्फ्यू नहीं हटाया गया है.
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