तमिलनाडु के प्रसिद्ध त्योहार पोंगल पर एक पारंपरिक खेल खेला जाता है. जिसमे सांड को बीच मैदान में छोड़ा जाता है और वहां मौजूद लोग उसे काबू करते हैं. इस खेल पर कोर्ट द्वारा 2014 में रोक लगा दी गयी थी. जिसका मुख्य कारण जानवरों के साथ बर्बरता करना था. जिसके बाद अब तमिलनाडु द्वारा इस खेल पर से रोक हटाए जाने का मामला चल रहा है. जिसपर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. जिसके बाद अब पूरा तमिलनाडु छावनी में बदल गया है, यही नही जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं.
दुकाने बंद, दिखाए गए काले झंडे :
- तमिलनाडु के पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू पर इन दिनों काफी मतभेद चल रहे हैं.
- इस मामले में कोर्ट में दो पक्षों द्वारा याचिका दायर की गयी थी.
- जिसमे से एक पक्ष जानवरों के साथ हो रही बर्बरता के खिलाफ न्याय की मांग कर रहा है.
- वहीँ दूसरी ओर दूसरा पक्ष परंपरा को फिर से चलवाना चाहता है व इस खेल पर लगी रोक को हटवाना चाहता है.
- जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
- जिसके बाद तमिलनाडु की DMK पार्टी द्वारा राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया था.
- बता दें कि यह प्रदर्शन तमिलनाडु के कलेक्टर के घर के सामने किया गया था.
- यही नहीं इस प्रदर्शन में DMK नेता एमके स्टालिन व कनिमोझी मौजूद रहे.
- इस मौके पर स्टालिन ने जनता को संबोधित भी किया था.
- जिसके बाद पोंगल के त्योहार के दिन इस प्रतिबंध को हटाने वाले प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रदर्शन किया गया.
- जिसके बाद इस प्रदर्शन को रोकने के लिए यहाँ पुलिस को बुलाया गया जहाँ उनपर लाठीचार्ज किया गया.
- जिसके बाद अब पूरा तमिलनाडु आज बंद है जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं.
- यही नहीं प्रदर्शनकारियों द्वारा काले झंडे भी दिखाए गए हैं.
- इसके साथ ही किसी हादसे की आशंका से पूरे तमिलनाडु को छावनी में बदल दिया गया है.
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