जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने संविधान के अनुच्छेद 35(ए) के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ के खिलाफ आगह किया, जिसपर सर्वोच्च न्यायालय में बहस चल रही है। यह अनुच्छेद राज्य विधानसभा को ‘स्थायी निवासियों’ को परिभाषित करने और उन्हें विशेष अधिकार देने की शक्ति प्रदान करता है।
कोई भी नहीं कर पाएगा तिरंगे की हिफाजत-
- संविधान के इस अनुच्छेद 35(ए) का मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मजबूती से बचाव किया।
- महबूबा ने कहा कि इसमें किसी भी तरह के बदलाव का बुरा नतीजा होगा।
- इसका अर्थ यह होगा कि जम्मू एवं कश्मीर में कोई भी भारतीय राष्ट्रध्वज की हिफाजत नहीं कर पाएगा।
- उन्होंने कहा कि इससे राज्य की नेशनल कांफ्रेंस और उनकी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जैसी मुख्यधारा की पार्टियों के कार्यकर्ताओं का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।
- जो कश्मीर में राष्ट्रध्वज के लिए खड़े होते हैं और इसे फहराते हैं।
- पीडीपी की अध्यक्ष ने कहा कि अनुच्छेद के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ स्वीकार नहीं किया जाएगा।
- एक गैर सरकारी संगठन(एनजीओ) द्वारा अनुच्छेद 35(ए) के कानूनी आधार को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है।
- याचिका में कहा गया है कि यह अनुच्छेद कभी संसद में पेश नहीं हुआ और इसे राष्ट्रपति के आदेश पर लागू किया गया।
- सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले पर व्यापक बहस के लिए इसे तीन न्यायाधीशों की पीठ को हस्तांतरित कर दिया है।
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