तीन तलाक के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया। साथ ही मामले पर 6 महीने की रोक लगा दी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन तलाक मामले पर कानून बनाने का आदेश दिया। इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि इस केस की सुनवाई के लिए पांच अलग-अलग धर्मों के न्यायाधीशों की एक पीठ का गठन किया गया था। आइए एक नजर डालते हैं तीन तलाक पर फैसला सुनाने वाले सभी पांच जजों की पृष्ठभूमि पर-
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मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर :
- सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर सिख धर्म से ताल्लुक रखते हैं।
- 44वें चीफ जस्टिस खेहर सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले देश के पहले चीफ जस्टिस हैं।
- जस्टिस खेहर 4 जनवरी 2017 से देश चीफ जस्टिस हैं और इनका कार्यकाल 27 अगस्त 2017 को खत्म हो रहा है।
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न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ :
- जस्टिस कुरियन जोसफ ईसाई धर्म से आते हैं और वह केरल से ताल्लुक रखते हैं।
- 1979 में जस्टिस कुरियन ने केरल हाई कोर्ट में वकालत शुरु की और 2000 में केरल हाई कोर्ट के जज बनें।
- 2010 से 2013 के दौरान जस्टिस कुरियन हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश रहे।
- जस्टिस कुरियन की 8 मार्च 2013 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति हुई।
- वह 29 नवंबर 2018 को रिटायर होंगे।
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न्यायमूर्ति रोहिंग्टन फली नरीमन :
- 13 अगस्त 1956 को जन्में न्यायमूर्ति रोहिंग्टन फली नरीमन पारसी समुदाय से आते हैं।
- महज 37 साल की उम्र में वह सुप्रीम कोर्ट के Senior Counsel बने।
- जसिटस नरीमन 2011 से 2013 के बीच सॉलिसिटर जनरल अॉफ इंडिया भी रह चुके हैं।
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न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित :
- जस्टिस यू. यू. ललित का पूरा नाम उदय उमेश ललित है, ये हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते हैं।
- 1983 में जस्टिस ललित ने बांबे हाई कोर्ट से वकालत शुरु की।
- 2004 में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट बनें।
- 2G मामले में CBI की तरफ से विशेष अभियोजक रहे।
- साल 2014 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया, 2022 में रिटायर होंगे।
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न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर :
- एस. अब्दुल नजीर मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखते हैं।
- 1983 में कर्नाटक हाई कोर्ट में वकालत शुरू की।
- 2003 में कर्नाटक हाी कोर्ट के अतिरिक्त जज बने और उसके अगले ही साल स्थायी जज बनें।
- इसी साल फरवरी में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया।
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न्यायालय का ‘सुप्रीम फैसला’ :
- जस्टिस खेहर ने कहा- संसद को तीन तलाक के मामले को देखना चाहिए.
- चीफ जस्टिस ने कहा कि केंद्र सरकार जब तक कोई कानून नहीं लाएगा, तीन तलाक बरकरार रहेगा.
- सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि केंद्र सरकार संसद में कानून बनाए.
- पांच में से तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज, अभी और इसी वक्त से तीन तलाक खत्म.
- कोर्ट ने फिलहाल 6 महीने के लिए तीन तलाक पर रोक लगा दी है.
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