केंद्र की मोदी सरकार कैबिनेट विस्तार के साथ ही खाली पड़े छह राज्यों तथा एक केंद्र शासित प्रदेश में राज्यपाल की तैनाती करने का मन बना चुकी है. लंबे समय से इन राज्यों में खाली पड़े राजयपाल के पदों को बीजेपी के बुजुर्ग नेताओं से भरने की तैयारी है. वहीँ कई मंत्रियों की कैबिनेट (Union Cabinet re-shuffle) से छुट्टी भी तय मानी जा रही है.
रविवार को सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण:
- मोदी कैबिनेट के विस्तार को लेकर तमाम अटकलों पर विराम लग गया है.
- कैबिनेट विस्तार रविवार सुबह 10 बजे नए मंत्रियों एक शपथ ग्रहण के साथ संपन्न होगा.
- कई दिग्गजों की कैबिनेट से छुट्टी तय मानी जा रही है.
- वहीँ कुछ मंत्रियों के मंत्रालय बदले जाने की प्रबल संभावना भी है.
- बता दें कि कैबिनेट विस्तार से पहले ही कई मंत्रियों ने इस्तीफा सौंप दिया है.
- राजीव प्रताप रूडी, फग्गन सिंह, संजीव बालियान, महेंद्र नाथ पाण्डेय इस्तीफा सौंप चुके हैं.
- जबकि उमा भारती, कलराज मिश्र और सुरेश प्रभु ने इस्तीफे की पेशकश की है.
- इसको लेकर अंतिम फैसला पीएम मोदी को ही करना है.
- कई नए चेहरे भी मंत्रिमंडल में शामिल किये जा सकते हैं.
- विनय सहस्त्रबुद्धे को रक्षा मंत्री बनाया जा सकता है.
- रेलवे जैसे भारी भरकम मंत्रालय की जिम्मेदारी नितिन गड़करी को दी जा सकती है.
- जेडीयू के सांसद संतोष कुशवाहा को मंत्री बनाया जा सकता है.
- दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा और दक्षिणी दिल्ली के सांसद प्रवेश सिंह वर्मा को एमओएस बनाया जा सकता है.
- सूचना प्रसारण मंत्री के रूप में स्मृति ईरानी का विभाग बदला जा सकता है.
- यूपी बीजेपी प्रभारी ओम माथुर को भी इस बार के कैबिनेट फेरबदल में मंत्री पद मिल सकता है.
- 2019 लोकसभा चुनाव से पहले इसे आखिरी कैबिनेट विस्तार बताया जा रहा है.
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