अपने धुर-विरोधी राजग प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ बिहार चुनाव में गठबंधन कर अप्रत्याशित बड़ी विजय हासिल कर चुके नीतीश कुमार बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में होन वाले 2017 विधानसभा चुनावों में महागठबंधन के सहारे प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की कवायद शुरु कर रहें है।
उत्तर प्रदेश में जेडीयू पार्टी के यूपी के नेता छोटे-छोटे राजनीतिक दलो से बात कर रहे हैं, नीतीश कुमार से मिलने के बाद चौधरी अजित सिंह की राष्ट्रीय लोकदल पहले ही जेडीयू के साथ पहले गई है। जेडीयू रणनीतिकारों की नजर अब सूबे की पीस पार्टी और अपना दल जैसे अन्य छोटे दलो पर भी है। इस सिलसिले मे जेडीयू के बडे नेताओ का भी यूपी मे आना जाना शुरु हो गया है। बीते दिनो जेडीयू सांसद केसी त्यागी भी लखनऊ आये थे। नीतिश कुमार लगातार कोशिश कर रहें हैं कि बिहार की तरह ही यूपी में भी कांग्रेस को महागठबंधन का हिस्सा बनाया जा सके। हालाकि प्रदेश के कुछ कांग्रेसी नेता इसके पक्षधर नही है और सियासी रणनीतिकार प्रंशात किशोर को फिलहाल सभी 403 सीटो पर पार्टी की रणनीति तय करने को कहा गया है, लेकिन जेडीयू के नेता कांग्रेस के नेताओ से बात कर रहे हैं।
हालांकि यूपी मे हालात बिहार से अलग है औऱ यहा समाजवादी पार्टी या बसपा को साथ लिये बगैर महागठबंधन की कल्पना नही की जा सकती है।