उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही समय शेष बचा है, और एक बार फिर राम मंदिर का मुद्दा यूपी की सियासी हवा में गूंज रहा है। 2017 विधानसभा चुनावों में भाजपा राम मंदिर के मुद्दे के साथ जनता के बीच नहीं जाना चाहती है। इसी कारण भाजपा के कई बड़े नेता कह चुके हैं कि राम मंदिर का निर्माण लोगों की आस्था का मुद्दा है, न कि चुनावी। राम मंदिर के मुद्दे पर गोरखपुर के सांसद महंत योगी आदित्यनाथ ने अपनी राय रखते हुए कि हर मुद्दे को चुनाव से नहीं जोड़ना चाहिए।
- योगी ने कहा कि आज के समय में इस मामले में कोई विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि 30 सितंबर 2010 को दोनों पक्ष इस बात के लिए सहमत थे कि न्यायालय जो फैसला देगा हम उसका पालन करेंगे।
- उन्होंने कहा कि हम हिंदुओं की तो एक ही मांग थी जहां राम लला विराजमान है, वही राम जन्मभूमि है, फिर यह विवाद क्यों बनाया जा रहा है।
- उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए यह जरूरी है कि इस मुद्दे को अब समाप्त कर देना चाहिए और यह मार्ग जन भावनाओं के अनुरूप आगे प्रशस्त कर देना चाहिए।
- गोरखपुर सांसद से जब पूछा गया कि यह मुद्दा काफी लम्बे समय से चल रहा है कब बनाएंगे राम मंदिर? तो उन्होने सिर्फ इतना कहा कि वक्त आने दीजिए जो होगा आपके सामने होगा।
- केन्द्र मे बहुमत के साथ सरकार में होने के सवाल पर योगी ने कहा यह काम सरकार का नहीं है समाज का कार्य है समाज अपना काम अपने हिसाब से कर लेगा। समय आने दीजिए वक्त को देख लीजिए।
- योगी ने बताया कि सोमनाथ की तर्ज पर ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भी होगा। इसके लिए पूरा समाज प्रतिबद्ध है।
- राम मंदिर के मुद्दे पर भाजपा के बड़े नेताओं की इस तरह की बयानबाजी सूबे के बदले सियासी समीकरण की ओर साफ संदेश दे रही है।
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