भारत में क्रिकेट का ब्लांइड टी-20 विश्व कप खेला जा रह है। इस खेल को खिलाड़ी भले ही देख नहीं पाते हो लेकिन खेल के प्रति जोश में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं दिखाई देती है। इसमें खिलाड़ी आम क्रिकेटर की तरह खेल का मजा लेते नजर आते हैं। लेकिन ब्लाइंड क्रिकेट सामान्य क्रिकेट से थोड़ा अलग होता है। साथ ही इसके नियम भी सामान्य क्रिकेट सेे अलग होते है। आइए जानते है ब्लाइंड क्रिकेट के कुछ नियम।
तीन वर्ग में होते है खिलाड़ी-
- ब्लाइंड क्रिकेट के एक टीम में 11 खिलाड़ी होते है।
- यह 11 खिलाड़ी तीन अलग-अलग वर्ग में विभाजित होते हैं।
- बी-1 खिलाड़ी वह होते हैं जिनको लगभग न के बराबर दिखाई देता है।
- बी-2 खिलाड़ी वह होते हैं जिन्हें कम दिखाई देता है।
- बी-3 खिलाड़ी वह होते हैं जिन्हें बी-1 और बी-2 खिलाडि़यों से ज्यादा दिखाई देता है।
- अपने पहचान के लिए सभी वर्ग की खिलाड़ी अलग-अलग बैंड पहनते हैं।
- बी-1 खिलाड़ी दाहिने हाथ में सफेद रिस्ट बैंड पहनते है, बी-2 खिलाड़ी लाल बैंड तो बी-3 खिलाड़ी नीला बैंड पहनते है।
टीम में खिलाडि़यों का चयन-
- इस क्रिकेट में भी सामान्य क्रिकेट की तरह 11 खिलाड़ी टीम में होते है।
- क्रिकेट के नियम के हिसाब से एक टीम में कम से कम चार बी-1 खिलाड़ी होने चाहिए।
- टीम में तीन बी-1 और ज्यादा से ज्यादा चार बी-3 खिलाड़ी होने चाहिए।
छक्का लगाने पर मिलते हैं 12 रन-
- ब्लाइंड क्रिकेट में बी-1 द्वारा स्कोर किया रन दोगुना हो जाता हैं।
- अगर बी-1 बल्लेबाज 1 रन लेता है तो उसके और टीम के खाते में 2 रन जुड़ते है।
- इस प्रकार दो रन लेने पर चार और तीन रन लेने पर छह रन मिलते है।
- अगर बी-2 बल्लेबाज चौका लगाता है तो उस आठ रन मिलते है।
- अगर वह छक्का लगाता है तो उसे 12 रन मिलते है।
- लेकिन यह सुविधा बी-2 और बी-3 खिलाडि़यों पर लागू नहीं होती है।
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