भारतीय पूर्व हॉकी प्लेयर दिलीप टिर्की ने कहा कि खेलों के लिए जो राशि बजट में मुहैया कराई जाती है वह कहीं से भी पर्याप्त नहीं है। उन्हेंने देश के बजट में खेलों के हिस्से को लेकर दुख जताया है। मालूम हो कि भारतीय हॉकी टीम के डिफेंडर दिलीप टिर्की को 2002 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था।
भारत में खेलों के विकास के लिए किया जाता है काफी कम खर्च-
- 2004 में पद्मश्री से नवाजे गए दिलीप टिर्की ने कहा कि भारत को खेलों में महाशाक्ति बनाने के लिए जो कोशिशें है वह अपर्याप्त है।
- बीजू जनता दल के सांसद दिलीप टिर्की ने कहा, ‘मैंने कई बार सदन में यह मुद्दा उठाया है लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।’
- टिर्की ने एक रिपोर्ट का जिक्र किया ।
- इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में एक एथलीट पर 22 रुपए प्रतिदिन खर्च किए जाते है।
- रिपोर्ट के अनुसार जमैका में प्रतिदिन 19 पैसे एक खिलाड़ी पर खर्च होते है।
- टिर्की ने बताया कि भारत में एक एथलीट पर 3 पैसे खर्च किए जाते है।
- उन्होंने पूछा कि क्या हम पैसे में स्टार खिलाड़ी तैयार किया जा सकता है।
- टिर्की ने कहा, ‘हम कई देशों के मुकाबले हम अधिक खेलों में हिस्सा लेते हैं।’
- आगे उन्होंने कहा, ‘लेकिन खेलों के विकास में बहुत कम खर्च किए जाते हैं।’
- उन्होंने कहा कि खेलों के बजट राशि का बड़ा हिस्सा शुरूआती स्तर के लिए होना चाहिए।
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