भारत ने रक्षा के क्षेत्र में एक कदम बढ़ाते हुए बहुत बड़ी सफलता को अपने नाम कर लिया है। परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम के-4 मिसाइल को भारत ने अरिहंत पनडुब्बी से दाग कर सफल परिक्षण किया, जिसके बाद भारत रक्षा के क्षेत्र में एक कदम और अभेद्द हो गया है।

दुनिया का पांचवां देश बना भारत:

  • के-4 मिसाइल को भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है।
  • अरिहंत पनडुब्बी से के-4 मिसाइल का सफल परीक्षण करने के बाद भारत पानी के भीतर से मिसाइल दाग सकने वाला विश्व का पांचवां देश बन गया है।
  • इससे पहले यह तकनीक सिर्फ अमेरिका, फ्रांस, रूस और चीन के पास ही थी।
  • इस मिसाइल के साथ ही भारत ने हवा, जमीन और पानी के भीतर से परमाणु हमला करने की क्षमता को विकसित कर लिया है।
  • के-4 को पानी के भीतर से 20 फीट नीचे से भी दागा जा सकता है।
  • के-4 को डिफेन्स एंड रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने विकसित किया है।
  • के-4 अग्नि-3 से ज्यादा बेहतर है, क्योंकि अग्नि-3 को अरिहंत से नहीं दगा जा सकता है।
  • के-4 का परीक्षण बंगाल की खाड़ी में किया गया था, पानी के नीचे 20 फीट से दागे जाने और लक्ष्य को भेदने से पहले मिसाइल ने 700 किमी का सफ़र तय किया।
  • के-4 की मारक क्षमता 3500 किमी की है।

आने वाले कुछ सालों में ही के-4 अपनी सेवाएं भारतीय सेना के तीनो विभागों को देना शुरू कर देगी।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें