भारत ने हिंद महासागर में अपनी समुद्री संपदाओं के संरक्षण और निगरानी ड्रोन के जरिए करने का मन बनाया है। इसके लिए भारत ने अमेरिका को एक चिट्ठी लिखकर मानवरहित ड्रोन यान खरीदने की इजाजत मांगी है। बताया जा रहा है कि भारत की ओर से यह चिट्ठी पिछले हफ्ते भेजी गई थी।
- सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारत ने चिट्ठी लिखकर अमेरिका के जनरल एटॉमिक्स से मल्टी मिशन मेरीटाइम पैट्रोल प्रीडेटर गार्डियन यूएवी खरीदने की अनुमति मांगी है।
- इस यान के मिलने के बाद भारत को पूर्वी और पश्चिमी तट हिंद महासागर में अपनी समुद्री संपदाओं की सुरक्ष करने व उनपर निगरानी रखने में मदद मिलेगी।
- यह मोदी सरकार के उन महात्वकांक्षी लक्ष्यों का हिस्सा है, जो उसने समुद्री संपदाओं को सुरक्षित करने और मुंबई हमले जैसी किसी भी घटना के बारे में पता करने के लिए तय किए हैं।
- इस महीने में ही पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की मुलाकात के बाद भारत को मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR) में शामिल किया गया था।
- MTCR की सदस्यता मिलने के बाद अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर गौर करना शुरू कर दिया है, माना जा रहा है कि वह अगले चरण में वह इसे स्वीकार करेगा।
क्या हैं विशेषताएः
- यह मानवरहित ड्रोन 50,000 फुट की उंचाई पर उड़ने की क्षमता रखता है।
- यह ड्रोन यान लगातार 24 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भर सकता है।
- यह ड्रोन यान फुटबाल के आकार की चीजों पर भी आसानी से नजर रख सकता है।
- बताया जा रहा है कि भारत पांच अरब डॉलर से अधिक की कीमत पर 250 से अधिक यूएवी हासिल करने के प्रयास कर रहा है।
भारत ने पहले भी अमेरिका से इस तरह के ड्रोन को खरीदने की दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन ओबामा प्रशासन इस आग्रह को आगे बढ़ाने में समर्थ नहीं था, क्योंकि भारत एमटीसीआर का सदस्य नहीं था।
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