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दुनिया भर में हर कोई ईश्वर के पास जाता है जिससे उसके जीवन में चल रही सभी समस्याएँ खत्म हो और उसका जीवन सुखमय बन सके। भगवान भी अपने भक्तो की समस्याओं को भली-भांति समझते है और उसे दूर करने का भी प्रयास करते रहते है। भक्त अपन आराध्य के पास इसी उम्मीद से जाता भी है कि वे उस पर कृपा कर उसकी सारी मुश्किलें हर लेंगे। मगर भारत में एक ऐसा भी मंदिर है जहाँ पर मन्नत मांगने से भगवान का आशीर्वाद नहीं श्राप मिलता है। आज हम आपको भारत के इस अद्भुत मंदिर (temple) की ये कहानी और विशेषताओं को विस्तार से बताएँगे।
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उत्तराखंड में स्थित है मंदिर (temple) :
- भक्त जब अपने जीवन में किसी समस्या से घिरा होता है तो उसे भगवान का ही सहारा दिखता है।
- वह सीधे अपने आराध्य के पास जाकर उसे अपनी समस्या बताता है और मदद की गुहार लगाता है।
- भगवान भी अपने भक्त से प्रसन्न होकर उसी मुश्किलो को हर लेते है।
- मगर हमारे भारत में ही एक ऐसा भी मंदिर है जहाँ पर भगवान का आशीर्वाद नहीं श्राप मिलता है।
- उत्तरखंड में स्थित इस ख़ास मंदिर में पूजा करने से श्राप की प्राप्ति होती है।
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- इसी कारण मंदिर में सदियों से किसी ने भी पूजा नहीं की हुई है।
- यहाँ आने वाले भक्त भगवान का दर्शन तो करते है मगर उनकी पूजा नहीं करते है।
- ये अद्भुत मंदिर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के बल्तिर गाँव में बना है जो अब प्रसिद्द हो चुका है।
- इस मंदिर के ऐसा होने के पीछे भी कई तरह की कहानियाँ प्रचलित हुई है।
- लोग मानते है कि इस मंदिर का निर्माण करते समय एक मजदूर का हाथ कट गया था।
- इसके बाद ही लोग मजाक बनाने लगे कि अब ये कैसे मंदिर बनाएगा।
- मगर उस मजदूर ने निश्चय किया कि वह अकेले ही पूरा मंदिर बना कर दिखाएगा।
- कहते है कि इसके बाद उसने अकेले ही पूरी रात में ही मंदिर का निर्माण कर डाला था।
- मगर इस मंदिर में रखे शिवलिंग को उस समय प्राण- प्रतिष्ठित नहीं किया गया था।
- इसी कारण इस शिव मंदिर में अब पूजा नहीं होती जो अब एक परम्परा बन चुकी है।
- साथ ही लोगो के बीच मान्यता भी है कि जो यहाँ पूजा करेगा उसे श्राप ही मिलेगा।
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