यूपी पुलिस किस तरफ से बेगुनाह को अपराधी साबित करती है इसकी एक नजीर देखने को मिली। युवक को चौकी इंचार्ज ने पूरी रात हाथ पैर बांधकर जमकर पीटा और उसके कान को प्लास से नोचा। चार दिन बाद भी युवक के कान से खून नही बंद हो रहा है। युवक को चाकू लगाकर जेल भेज दिया, जब कोर्ट ने युवक का मेडिकल देखा तो उन्होंने फ़ौरन दरोगा की पेशी के आदेश कर दिए। अब चौकी इंचार्ज पीड़ित युवक पर समझौते का दबाव बना रहे है। (युवक को किया टार्चर)
मारते हुए दबंग दारोगा ले गया पुलिस चौकी (युवक को किया टार्चर)
- सजेती थाना क्षेत्र के भाद्वारा गाँव में रहने वाले जाकिर हुसैन मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते है।
- परिवार में पत्नी नजमा बड़ा बेटा शंसाह, जनाब, अन्नू, पत्तर, राजू के साथ रहते है।
- पिता के काम में उनका बड़ा बेटा शंसाह भी उनका हाथ बटाता है।
- शंसाह की शादी के चार साल पहले नगमा से हुई थी और उसके दो बच्चे जानू (03), अलिया (02) है।
- शंहशाह खेतो में काम कारके परिवार चलाता है।
- शंहशाह ने बताया कि मेरा किसी थाने व चौकी में कोई अपराधिक इतिहास नहीं है।
- दरसल बीते 13 दिसंबर 2017 की शाम को उसके पिता जाकिर डांट रहे थे।
- उन्होंने सटरिंग लेने के लिए भेजा था।
- लेकिन मै वहां पर देर से पंहुचा तो सटरिंग मिल नही पाई थी।
- इसी दौरान वहा से कुआखेड़ा चौकी इंचार्ज ब्रिजेश भार्गव निकल रहे थे।
- वह मुझे मारते हुए चौकी ले गए।
- जबकि मेरे पिता उनके हाथ पैर पकड़कर कहते रहे मै अपने बेटे को डांट रहा था इसमें चौकी ले जाने वाली बात क्या है।
सर्द रात में पूरी रात पीटता रहा दारोगा
- शंहशाह ने बताया कि इस ठण्ड भरी रात में हाथ पैर बांध कर मारते रहे।
- मुझसे जबरन गौ कसी करने की हामी भराते रहे।
- लेकिन जब मैं और मेरा परिवार यह काम नहीं करता हो मै कैसे हामी भरता।
- मेरे कान को प्लास से नोचते रहे।
- इसके बाद मुझसे 10 हजार रुपये की डिमांड की हमारे लिए यह रकम बहुत बड़ी थी।
- मेरे पिता ने कई लोगो से उधारी लेकर उन्हें 10 हजार रूपए दिए थे।
- लेकिन इसके बावजूद भी चाकू लगाकर मुझे जेल भेज दिया।
- जेल भेजने से पहले पुलिस ने मेरा मेडिकल भी कराया था।
- लेकिन जब मैं सिविल जज जूनियर डिविजन घाटमपुर के समक्ष पेश हुआ था।
- इसके बाद मुझे जमानत बीते 15 दिसंबर 2017 को जमानत दे दिया।
- चौकी इंचार्ज कुछ दबंगों को घर भेज कर मुझ पर समझौते का दबाव बना रहे है।
- इसकी शिकायत हमने मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल में की है।
दारोगा ने फर्जी तरीके से भेजा था जेल
- शंहशाह के वकील राज कुमार शर्मा के मुताबिक पुलिस ने शंहशाह को फर्जी तरीके से चाकू लगाकर जेल भेजा था।
- जबकि उसका कोई भी अपराधिक इतिहास नहीं है।
- पुलिस शंहशाह की गिरफ्तार 13 दिसंबर की रात 10 बजे दिखाया है और इसके बाद अगले दिन उसे कोर्ट में पेश किया।
- शंहशाह के मेडिकल में छह चोटों के निशान थे जो बेहद गंभीर थी।
- हमने इसी आधार पर कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया था। (युवक को किया टार्चर)
- जिसमे जिसमे द्वारा टार्चर और जबरन वो जुर्म कुबूल करवाना जो उसने कभी किया ही नहीं है।
- इसी प्रार्थना के आधार पर कोर्ट ने चौकी इंचार्ज को पेश होने के आदेश दिए थे।
- जिसमे उन्होंने उसे जमकर फटकार लगाई है।
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