रेलवे विभाग के अधिकारियों के साथ आरपीएफ की मिलीभगत से वर्षों से चल रहे सरकारी गेहूं के गोरखधंधे का बीती रात उस समय खुलासा हो गया जब बंटवारे को लेकर आरपीएफ के जवानों ने गेहूं की उठान को लेकर विवाद कर दिया। इसकी सूचना जब मीडियाकर्मियों को हुई तो वह मौके पर पहुंचे। मीडिया देखते ही वहां हड़कंप मच गया। जिम्मेदार मामले को रफादफा करने लगे। हालांकि इस मामले में कोई भी जिम्मेदार कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। (गेहूं बेच रहे आरपीएफ के जवान)
पैसों के लालच में गेहूं बेच रहे आरपीएफ के जवान
- मिली जानकारी के अनुसार, मलिहाबाद रेलवे स्टेशन और केबिन के बीच पूरब की ओर एक नर्सरी है।
- नर्सरी के पास मालगाड़ी की बोगी को खोला जाता है।
- बोगी खोलकर उसमे से सैकड़ों बोरी गेहूं उतारकर बाहर बेंचने के लिए जा रहा था।
- वहीं मौके पर रेलवे के सिपाहियों और बिचौलियों के बीच बंटवारे को लेकर विवाद हो गया।
- विवाद होने के बाद रेलवे के अन्य कर्मचारियों अधिकारियों को इसकी जानकारी हो गयी।
- मौके पर पहुंचे दरोगा सर्वजीत सिंह एवं इस्पेक्टर बच्ची सिंह को मौके पर चोर नहीं मिले।
- तो उन्होने नर्सरी के मालिक सहित पांच लोगों को उनके घरों से उठाकर साथ ले गये।
- मौके पर पकड़े गये सैकड़ों बोरे पंजाब के गेहूं को पहले हजम करने का प्रयास किया।
मौके से 131 बोरे गेहूं बरामद
- परन्तु जब सबेरा हो गया तो उन्होंने मात्र 131 बोरे गेहूं ही बरामद दिखाया।
- दूसरी ओर रेलवे के कर्मचारियों का कहना है कि इस मामले मे आरपीएफ के कर्मचारियों की नौकरी का सवाल है।
- क्योंकि रेलवे की सम्पत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी इन्ही की है।
- इसलिए अब आरपीएफ के अधिकारी और कर्मचारी इस मामले को रफा-दफा करने मे लगे हैं।
- इसके अलावा स्टेशन पर तैनात स्टेशन मास्टर पी. के यादव ने कहा कि उन्हे इस बात की जानकारी नहीं है।
- उन्हें पता नहीं कि किस गाड़ी से गेहूं उतारा गया है।
- क्योंकि रात मे करीब 5 गाड़ियां रूकी थी।
- उन्हे भी सुबह आरपीएफ के मौके पर आने के बाद पता चला।
- जिस जगह गेहूं स्टोर किया गया था वहां एक नर्सरी में पुरानी दो कमरे की इमारत है।
- वहां इस मामले को लेकर सुबह हो गयी तो स्थानीय पुलिस और पत्रकारों को इसकी भनक लग गयी।
- सूत्र बताते हैं कि यह मामला वर्षो से चला आ रहा है।
- सूत्र यह भी बताते हैं कि करीब 6 माह पूर्व जीआरपी तथा आरपीएफ ने इस गोरखधन्धे को पकड़ा था।
- जिसमें लाखों का लेन देन कर मामले को रफा दफा कर दिया गया था।
- आज भी वही खेल करने की योजना चल रही है।
- इसलिए रेलवे पुलिस का कोई भी अधिकारी बात करने से कतराता रहा।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.