उत्तर प्रदेश में चल रहे कड़ाके की ठंड को देखते हुए पूर्वांचल के सभी जनपदो में प्राथमिक विद्यालय से लेकर उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर दिया गया हैं.लेकिन बलिया की जहां कड़ाके की ठंड के बावजूद अभी तक विद्यालयों की छुट्टियां नही हुई हैं.जिससे मासूमों को कड़ाके की ठंड में विद्यालयों जाने को मजबूर हो रहे हैं.

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ठंड में ठिठुरने को मजबूर बच्चे

बलिया जनपद में पड़ रही कड़ाके की ठंड में मासूम बच्चे मजबूर होकर विद्यालयों को जाने को विवश हो रहे हैं.आप देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि विद्यालय में पढ़ने आ रही बच्चियों से झाड़ू लगवाना तो कही मासूम बच्चे और बच्चियों को कड़ाके की ठंड में ठिठुरना पड़ रहा है. इन मासूमों को जरा अब देखिए कैसे हाथ पैर काप रहे हैं, फिर भी विद्यालय आ रहे हैं वही विद्यालय में पढ़ रहे बच्चे ठिठुर कर विद्यालय में बैठे हैं.

बच्चों को ठंड से बचाने के लिए प्रशासन की व्यवस्था नही दिख रही है…

हालांकि की कड़ाके की ठंड पड़ रही हैं और बलिया जनपद के आलाधिकारी अपने अपने कमरे में बैठकर यह देख रहे हैं कि मौसम अपना रुख कबतक बदलता हैं.लेकिन इन मासूम को देखने वाला कोई नही हैं. अध्यापक भी मज़बूर हो गए हैं, कि जनपद के आलाधिकारियों के कानों में तक जू नही रेंग रही हैं, मौसम अपना सितम ढा रहा है, और अधिकारी अपने कार्यालयों में हीटर जला रहे हैं.

कड़ाके की ठंड में विद्यालयों में मासूम बच्चे ठंड से बचने के लिये पुवाल जला रहे हैं, लेकिन सवाल तब खड़ा हो रहा हैं, कि मासूम बच्चों को ठंड से बचने के लिए जिला प्रशासन ने अभी तक कोई व्यवस्था नही की हैं?

स्कूल में पुवाल जलाकर खुद को ठंड से बचा रहे है बच्चे…

प्रशासन को तो बच्चों की कोई परवाह नही है लेकिन इस भयानक ठंड़ में बच्चे ठंड़ से बचने के लिए पुवाल जला रहे है जिससे वह ठंड़ से राहत पाने की कोशिश कर रहे, अब देखना होगा प्रशासन कब तक बच्चों को अनदेखा करता है.

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