भुखमरी, गरीबी और लाचारी ऐसी कि किस्सा सुन आपका भी कलेजा मुंह को आ जाएगा, ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित रतिराम वर्मा बेहद गरीबी में जीवन जी रहे हैं, और दाने दाने को मोहताज रतिराम अपनी गंभीर बीमारी का इलाज कराना तो दूर दो वक्त की रोटी का इंतेजाम करने मे भी सक्षम नही हैं। हालात ऐसे हैं कि रतिराम के दो छोटे बेटे गांव मे भीख मांगकर अनाज लाते हैं, और मां उस अनाज को बेचती है तब किसी तरह से इस परिवार का पेट भर पाता है। क्षेत्र के रतिराम एक- एक दिन गुजार कर अपनी मौत का इंतेजार कर रहे हैं, ट्यूमर को इलाज के लिये केसीसी से लोन और पत्नी के गहने भी बिक गये मगर लखनऊ के राममनोहर लोहिया अस्पताल के डाक्टरों ने महंगा इलाज कर वापस कर दिया, अब रतिराम वर्मा के पास फूटी कौडी भी नहीं है कि वह इलाज कराने के बारे मे सोच सके।
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निजी स्कूल में शिक्षक का काम करते है रतिराम
प्रदेश के बस्ती जिले के कप्तानंगज विधानसभा क्षेत्र के बेलभरिया गांव के रहने वाले रतिराम काफी दिनों से बीमार होने पहले एक निजी शिक्षण संस्थान में शिक्षक का काम करते थे। काम मे वे इतना मशगूल रहे कि उन्हे अपनी बीमारी का अंदाजा नही लगा, और धीरे- धीरे उनकी बीमारी गंभीर होते चली गयी।
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ब्रेन ट्यूमर से ग्रसित है रतिराम
इस दौरान ब्रेन ट्यूमर को साथ- साथ उन्हे शुगर की वजह से पैर का एक छोटा गांघ भी बड़ा रुप ले लिया। रात गुजारने के लिए सरकार से मिला एक छोटा सा घर और उस घर के बाहर खटिये पर बेसुध पड़े रतिराम वर्मा की हालत नाजुक होती चली जा रही है। बीमार रतिराम के बच्चे भी अब पढाई छोड़कर अपने पिता के लिये हर रोज भीख मांगने निकलते हैं, और शाम को उनकी मां उस अनाज मे से थोडा बचाकर बेच देती है। ताकि खाने का अन्य सामान खरीद सके, गांव के कुछ सम्भ्रांत लोगों ने रतिराम के परिवार की आर्थिक मदद कीष लेकिन वह नाकाफी साबित हो रही। पीड़ित का परिवार सीएम योगी से मदद मांग रहा है। रतिराम वर्मा के ईलाज के लिये उसके बेटे और पत्नी गुहार लगा रही है।
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वहीं, अगर कोई ब्रेन ट्यूमर से ग्रसित रतिराम वर्मा की मदद करना चाहता है, तो वह इस नंबर पर 9415754650 संपर्क कर मदद कर सकता है..
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