कानपुर को एशिया का मैनचेस्टर के अलावा सूबे की औद्योगिक राजधानी भी कहा जाता है। एक समय में गंदगी के अम्बार के बीच बसा कानपुर देश में सर्वाधिक गन्दा शहर माना जाता था। लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार औरप्रदेश में योगी सरकार के निर्देशन में जिला प्रशासन की मुस्तैदी से शहर प्रदेश में स्वच्छता में अव्वल बन चुका है| तकरीबन 50 लाख की आबादी वाला शहर कानपुर एक समय गंगा शहर के नाम से जाना जाता था।
जिला प्रशासन और नगर निगम ने बदला शहर का हाल
राजधानी लखनऊ से सटा महज 90 किलो मीटर की दूरी पर शहर कानपुर स्वच्छता के मामले मे पहले स्थान पर आ गया है। शहर की घनी आबादी और बेतरतीब ढंग से बसे इस शहर की सूरत ए-हाल को बदला जाने का बीड़ा उठाया जिला प्रशासन और नगर निगम ने। लगभग एक साल के कार्यकाल वाली योगी सरकार ने वर्तमान में कानपुर को स्वच्छता की श्रेणी में अव्वल बना दिया है| शहर को स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम ने नया मोबाईल ऍप भी लॉन्च किया है। वही जिला प्रशासन ने स्वच्छता के लिए कड़े नियम भी लागू किये है।
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2 अक्टूबर, 2014 को हुआ था स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत
यहां आपको ये भी बता दें कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की नई दिल्ली, राजपथ पर शुरूआत करते हुए कहा था कि “एक स्वच्छ भारत के द्वारा ही देश 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अपनी सर्वोत्तम श्रद्धांजलि दे सकते हैं।” 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन देश भर में व्यापक तौर पर राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में शुरू किया गया था। इस अभियान के अंतर्गत 2 अक्टूबर 2019 तक “स्वच्छ भारत” की परिकल्पना को साकार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया गया सबसे महत्वपूर्ण स्वच्छता अभियान है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने इंडिया गेट पर स्वच्छता के लिए आयोजित एक प्रतिज्ञा समारोह की अगुआई की थी। जिसमें देश भर से आए हुए लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारियों ने भाग लिया। उन्होंने इस अवसर पर राजपथ पर एक पदयात्रा को भी झंडी दिखाई थी और न केवल सांकेतिक रूप से दो चार कदम चले बल्कि भाग लेने वालों के साथ काफी दूर तक चलकर लोगों को आश्चर्य चकित कर दिया था।
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