बिजनौर स्थित आर्यकुल ग्रुप आॅफ कालेज में पत्रकारिता विभाग की ओर से पांच दिवसीय डीजिटल मीडिया विषय पर वर्कशाप का शुभारम्भ किया गया। इस वर्कशाप का शुभारम्भ करते हुए कालेज के निदेशक सशक्त सिंह ने कहा कि डिजिटल मीडिया में रोजगार की अपार संभावनांए हैं। जिसे आज के युग में नकारा नहीं जा सकता है पूरे देश डीजिटल इंडिया को ओर अग्रसर है तो मीडिया कैसे पीछे हो सकता है।

अब मीडिया ने भी डीजिटल की ओर पूरी शक्ति से अपने कदम आगे बढ़ा दिये हैं इसी कारण हम पल भर में ही अपने मोबाइल पर ही दूर की खबरों को तुरन्त ही जान जाते हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के आने से हमारी जिंदगी पूरी तरह से बदल गयी है पहले हम इंटरनेट की दुनिया पर इतना विश्वास नहीं करते थे पर आज हमारा नजरिया पूरी तरह से बदल गया है अब इंटरनेट एक प्रामाणिक और विश्वसनीय साथी के रूप में पहचान जाने लगा है। प्रिंट मीडिया की प्रकाशित विश्वसनीयता और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तेज दृश्य गति के अदभुत संयोजन का सुख देती डीजिटल मीडिया आज अपने चरम मुकाम पर है।

इस वर्कशाप के मुख्य काउंसलर के रूप में आये डीजिटल मीडिया एक्सपर्ट रंजीत कुमार ने बताया कि कंप्यूटर के विकास के साथ-साथ एक नए माध्यम ने जन्म लिया, जो डिजिटल है। इस प्रक्रिया में 90 के दशक की अहम भूमिका रही जब टिमबनर्र ली ने डब्लूडब्लूडब्लू से पूरी दुनिया को परिचित कराया। जिसके बाद मानव संचार के क्षेत्र में एक नयी क्रांति आयी। उसी का परिणाम है कि आज दुनिया मुट्ठी में सिमट गयी है।

प्रारंभ में डाटा के सुविधाजनक आदान-प्रदान के लिए शुरू की गई कंप्यूटर आधारित सीमित इंटरनेट सेवा ने आज विश्वव्यापी रूप अख्तियार कर लिया है। इंटरनेट के प्रचार-प्रसार और निरंतर तकनीकी विकास ने एक ऐसी वेब मीडिया को जन्म दिया, जहाँ अभिव्यक्ति के पाठ्य, दृश्य, श्रव्य एवं दृश्य-श्रव्य सभी रूपों का एक साथ क्षणमात्र में प्रसारण संभव हुआ। वर्कशाप में अपने विचार व्यक्त करते हुए कालेज के रजिस्ट्रार सुदेश तिवारी ने कहा कि डीजिटल मीडिया जहाँ संपूर्ण और तत्काल अभिव्यक्ति संभव है।

जहाँ एक शीर्षक अथवा विषय पर उपलब्ध सभी अभिव्यक्यिों की एक साथ जानकारी प्राप्त करना संभव है, जहाँ किसी अभिव्यक्ति पर तत्काल प्रतिक्रिया देना ही संभव नहीं, बल्कि उस अभिव्यक्ति को उस पर प्राप्त सभी प्रतिक्रियाओं के साथ एक जगह साथ-साथ देख पाना भी संभव है। इतना ही नहीं, यह मीडिया लोकतंत्र में नागरिकों के वोट के अधिकार के समान ही प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी के लिए हर क्षण उपलब्ध और खुली हुई है।

इसके साथ ही पत्रकारित विभाग की अध्यक्ष अंकिता अग्रवाल ने कहा किडीजिटल मीडिया पर अपनी अभिव्यक्ति के प्रकाशन-प्रसारण के अनेक रूप हैं। कोई अपनी स्वतंत्र ‘वेबसाइट’ निर्मित कर वेब मीडिया पर अपना एक निश्चित पता आौर स्थान निर्धारित कर अपनी अभिव्यक्तियों को प्रकाशित-प्रसारित कर सकता है।

अन्यथा बहुत-सी ऐसी वेबसाइटें उपलब्ध हैं, जहाँ कोई भी अपने लिए पता और स्थान आरक्षित कर सकता है। अपने निर्धारित पते के माध्यम से कोई भी इन वेबसाइटों पर अपने लिए उपलब्ध स्थान का उपयोग करते हुए अपनी सूचनात्मक, रचनात्मक, कलात्मक अभिव्यक्ति के पाठ्य अथवा ऑडियो-वीडियो डिजिटल रूप को अपलोड कर सकता है, जो तुरन्त ही दुनिया में कहीं भी देखे-सुने जाने के लिए उपलब्ध हो जाती है।

कार्यक्रम की संचालिका एच.आर. प्रमुख नेहा वर्मा ने कहा कि बहुत-सी वेबसाइटें संवाद के लिए समूह-निर्माण की सुविधा देती हैं, जहाँ समान विचारों वाले लोग एक-दूसरे से जुड़कर संवाद कायम कर सकें। ‘वेबग्रुप’ की इस अवधारणा से कई कदम आगे बढ़कर फेसबुक और ट्विटर जैसी ऐसी वेबसाइटें भी मौजूद हैं, जो प्रायः पूरी तरह समूह-संवाद केन्द्रित हैं। इनसे जुड़कर कोई भी अपनी मित्रता का दायरा दुनिया के किसी भी कोने तक बढ़ा सकता है और मित्रों के बीच जीवंत, विचारोत्तेजक, जरूरी विचार-विमर्श को अंजाम दे सकता है। पूरे कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षकों में सिद्धार्थ राजेन्द्र के साथ अन्य लोग उपस्थित रहे।

 

[foogallery id=”168857″]

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें