देशव्यापी हड़ताल पर 3 लाख से ज्यादा डॉक्टर होने के चलते स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) से जुड़े देश के 3 लाख से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर हैं। सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ये हड़ताल जारी रहेगी। इस हड़ताल के चलते देश के सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों के ओपीडी बंद हैं। नेशनल मेडिकल बिल बनाने के सरकार के नए प्रस्ताव के खिलाफ डॉक्टरों ने सोमवार को ही सोशल मीडिया सहित विभिन्न माध्यमों से हड़ताल का ऐलान किया था। एक दिन की इस हड़ताल से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मेडिकल बिल लाने के विरोध में हड़ताल पर 3 लाख से ज्यादा डॉक्टर
आईएमए का कहना है कि सरकार मेडिकल बिल ला रही है, इस बिल के विरोध में ही ये हड़ताल बुलाई गई है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर ये बिल आता है तो इससे इलाज बहुत महंगा हो जाएगा। आईएमए के मुताबिक, इस बिल में ऐसे प्रावधान हैं जिससे आयुष डॉक्टर्स को भी मॉडर्न मेडिसिन प्रैक्टिस करने की अनुमति मिल जाएगी। जबकि, इसके लिए कम-से-कम एमबीबीएस क्वालिफिकेशन होनी चाहिए। इससे नीम-हकीमी करने वाले भी डॉक्टर बन जाएंगे। ये दिन मेडिकल इतिहास में काला दिन बन जाएगा। इस बिल के आने से निजी मेडिकल कॉलेजों पर सरकार का शिकंजा मजबूत होगा।
1.3 अरब लोगों का इलाज करने के लिए 10 लाख एलोपैथिक डॉक्टर
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अगस्त के आंकड़ों के मुताबिक 1.3 अरब लोगों की आबादी का इलाज करने के लिए भारत में लगभग 10 लाख एलोपैथिक डॉक्टर हैं। इनमें से केवल 1.1 लाख डॉक्टर सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करते हैं। डॉक्टर और मरीजों के इन आंकड़ों में असमानता है।
इमरजेंसी सेवाएं कर रही काम
हड़ताल पर 3 लाख से ज्यादा डॉक्टर हैं उन्होंने बताया कि मुंबई, बैंगलुरू, तमिलनाडु, चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली समेत सभी बड़े शहरों में लगभग मेडिकल सेवाएं ठप रहेंगी। बस इमरजेंसी सेवाएं मिल सकती हैं। डॉक्टरों ने बताया कि पहले प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 15 फीसदी सीटों की फीस मैनेजमेंट तय करती थी, लेकिन अब नए बिल के मुताबिक मैनेजमेंट 60 फीसदी सीटों की फीसद तय कर पाएगा। इस बिल में अल्टरनेटिव मेडिसिन (होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी) की प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के लिए एक ब्रिज कोर्स का प्रप्रोजल है। इसे करने के बाद वे मॉडर्न मेडिसिन की प्रैक्टिस भी कर सकेंगे।