उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद विभाग ने शुक्रवार 11 अगस्त को देश के 71वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में नया आदेश जारी किया था, जिसका पालन प्रदेश के सभी मदरसों को करना अनिवार्य बताया गया था. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मदरसों में हुए आयोजन का वीडियो फुटेज सरकार को भेजने का निर्देश भी दिया गया था. अब इसको लेकर सरकार सख्त हो गई है. उसके बाद से ही मदरसे को लेकर कोई न कोई आदेश जारी होते रहता है. वर्तमान भाजपा सरकार ने मदरसों में छुट्टियाँ (madarsa leaves) कम कर दी हैं.
मंत्री लक्ष्मी नारायण का बयान
मदरसों में छुट्टी कटौती को लेकर मंत्री लक्ष्मी नारायण का बयान भी आया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश और छात्रों के हित में छुट्टियां कम की गईं हैं. मदरसे ही नहीं पहले स्कूलों में भी छुट्टियां कम हुई हैं. जो छात्रों को पढ़ाना नहीं चाहते वो विरोध कर रहे हैं. मदरसा छात्रों की अधिक शिक्षा देना लक्ष्य है. धर्मगुरु मस्जिद में धार्मिक शिक्षा दें, प्रवचन करें. मदरसों की छुट्टी बढ़ाना घटाना धर्मगुरुओं का काम नहीं हैं.
मदरसे में छुट्टियाँ की गई कम:
दशहरा, दीपावली, महानवमी, बुध्द पूर्णिमा, रक्षाबंधन, महावीर जयंती के अवकाश जोड़े गए मदरसों की छुट्टियों में. रमज़ान और ईद के सालाना अवकाश 46 के बजाय 42 दिन किए गए हैं,. नए आदेश के अनुसार, यूपी में मदरसों की छुट्टियां हुईं कम हो गई हैं. मदरसा बोर्ड ने मदरसों के सालाना 92 छुट्टियों में कटौती कर 86 दिन किया है. मदरसों की ओर से दी जाने वाली 10 दिनों की छुट्टी को 4 दिन किया गया है. मदरसे पहले मुस्लिम त्यौहारों पर अपने विवेक से 10 दिन का अवकाश घोषित कर सकते थे.
इसको लेकर विरोध भी शुरू हो गया है. मदरसे में छुट्टियाँ कम होने के बाद सियासत शुरू हो गई है. इसको लेकर सरकार पर आरोप भी लगने लगे हैं.
मदरसों ने वीडियो नहीं भेजा तो फंड रोकेगी ‘योगी सरकार’!