मंगलवार को पौष पूर्णिमा 2 जनवरी 2018 पड़ रही है। पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान से माघ मेले में कल्पवास की शुरुआत होगी। संगम नगरी कहे जाने वाले इलाहबाद में कल्पवास करने के लिए लाखों श्रद्धालु मेला क्षेत्र पहुंच गए हैं। स्थानीय लोगों की माने तो यहां श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगातार जारी है। पौष पूर्णिमा के दिन ही शाकंभरी जयंती भी मनाई जाती है। शाक की देवी शाकंभरी के आशीर्वाद पूजन का ये विशेष दिन माना जाता है।

पौष पूर्णिमा पर पुरखों का स्मरण कर शुरू होगा व्रत

तीर्थपुरोहित अनूप त्रिपाठी निशान पीली कोठी ने बताया कि पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान के बाद कल्पवास संकल्प विधिविधान से श्रद्धालुओं द्वारा लिया जाएगा। तीर्थपुरोहितों के आचार्यत्व में विधिविधान से मोक्षदायिनी गंगा, नगर देवता वेणी माधव और पुरखों का स्मरण कर व्रत शुरू होगा। इसी के साथ दरवाजे के पास बालू में तुलसी का बिरवा और जौ बोया जाएगा। इसी के साथ महीने भर तीन बार गंगा स्नान एक बार भोजन एवं प्रवचन करने का व्रत आरंभ हो जाएगा।

श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगातार जारी

उन्होंने बताया कि प्रशासन सहित तीर्थपुरोहितों के शिविरों में तैयारियां होती रहीं। संत-महात्मा भी पौष पूर्णिमा का स्नान करने को शिविरों में आ गए हैं। संगम मार्ग, महावीर मार्ग, त्रिवेणी मार्ग, जीटीरोड,काली सड़क, मोरी मार्ग में तीर्थ पुरोहितों के शिविरों में दिन भर कल्पवासियों के आने का क्रम बना रहा। खाक चौक रामानंद मार्ग, त्रिवेणी मार्ग स्थित संतों के शिविरों भले ही अभी अधूरे हैं, संत महात्मा पहुंच गए हैं। उनके आने से चहल-पहल बढ़ गई है। गंगा महिमा के गीत वातावरण को आध्यात्मिक बना रहे हैं। यहां श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगातार जारी है।

ये है पौष पूर्णिमा की तिथि और समय

पौष पूर्णिमा तिथि का संचरण सोमवार को दिन में 11:08 बजे होगा जो मंगलवार सुबह 8.47 बजे तक रहेगा। इसके बाद माघ मास की प्रतिपदा आरंभ हो जाएगी। अखिल भारतीय ज्योतिष परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री अविनाश राय के मुताबिक पौष पूर्णिमा का व्रत सोमवार को किया जाएगा। मंगलवार को स्नान, दान और कल्पवास का संकल्प लिया जाएगा। स्नान का मुहूर्त पूरे दिन रहेगा। स्नान का सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 5:46 बजे से 7:46 बजे तक है। कहा, बृहस्पति तुला राशि और शनि गुरु की राशि धनु से संचार कर रहे हैं। इनके प्रभाव से माघ मेला सकुशल संपन्न होगा। लोगों की धर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी।

पौष पूर्णिमा से शुरू होगा प्रवचन का सिलसिला

स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के प्रवक्ता ओंकार नाथ त्रिपाठी के मुताबिक चार जनवरी को शिविर प्रवेश के साथ कई आयोजन शुरू होंगे। माघ मेला क्षेत्र में संतों के प्रवचन का सिलसिला पौष पूर्णिमा से शुरू होगा। शिविर पूजन के साथ शिविर में प्रवेश होगा। त्रिवेणी रोड स्थित रामकृष्ण मिशन मठ का शिविर पूजन सोमवार की सुबह 10:30 बजे होगा। अध्यक्ष स्वामी अक्षयानंद के सानिध्य में पूजन अर्चन के साथ शिविर प्रवेश होगा। उपाध्यक्ष स्वामी सुहृदानंद के अनुसार मंगलवार से प्रदर्शनी, नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं शुरू होंगी।

ब्रम्हमुहूर्त में पवित्र नदी के स्नान से मिलता है मोक्ष

ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन ब्रम्हमुहूर्त में पवित्र नदी के जल से स्नान करता है उसके लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। पौष पूर्णिमा से ही माघ माह में होने वाले स्नान की शुरूआत होती है। जीवन-मरण के चक्र से उसे छुटकारा मिलता है। उसे भगवान विशेष आशीर्वाद प्रदान करते हैं। प्रत्येक पूर्णिमा की तरह इस पूर्णिमा में भी स्नान के बाद दान का अत्यधिक महत्व है। इस दिन दान करने या किसी गरीब को भोजन कराने से देवों का विशेष आशीर्वाद मिलता है। इस दिन दीपदान का भी महत्व है। यही नहीं ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन जो भी कार्य प्रारंभ किया जाता है उसमें सफलता अवश्य मिलती है।

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