राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होने वाली यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2017 में देश-विदेश के लगभग 5000 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल होंगे। प्रदेश में औद्योगीकरण तेज करने व पूंजीनिवेश को बढ़ावा देने के लिए 21-22 फरवरी को होने वाली यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी के साथ-साथ नेपाल व मॉरिशस के प्रधानमंत्री भी हिस्सा लेंगे। समिट में लगभग 300 विदेशी प्रतिनिधियों के भी आने की संभावना है। समिट में 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश के एमओयू होने की उम्मीद है।
उच्चस्तरीय बैठक में की गई समीक्षा
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार रात उच्चस्तरीय बैठक में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों की समीक्षा की।
- मुख्यमंत्री का कहना था कि नई सरकार बनने के बाद बड़ी संख्या में देश-विदेश के निवेशक यूपी में निवेश करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
- राजधानी में नीदरलैंड का वाणिज्यिक दूतावास खुलने से भी राज्य सरकार का हौसला बढ़ा है।
- अक्तूबर 2018 में प्रदेश में दूसरी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट करने का भी प्रस्ताव है।
- बैठक में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय, औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव आलोक सिन्हा, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल, औद्योगिक विकास विभाग की सचिव अलकनंदा दयाल भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री भी आयेंगे
- बैठक में बताया गया कि समिट में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के अलावा नेपाल व मॉरिशस के प्रधानमंत्री के भी आने की उम्मीद है।
- सूत्रों की मानें तो यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का एमओयू कराने का लक्ष्य रखा गया है।
- प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा पूंजी निवेश का प्रयास होना चाहिए जिससे आर्थिक विकास तेज हो और रोजगार के अवसर पैदा हों।
- उद्यमियों में यह विश्वास पैदा किया जाए कि राज्य सरकार ने उद्योगों के अनुकूल माहौल तैयार किया है।
- प्रदेश में निवेश करने वालों को सरकार सुरक्षा और सहूलियतें मुहैया कराएगी।
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