गीता का उर्दू शायरी में अनुवाद करने वाले मशहूर शायर अनवर जलालपुरी का निधन मंगलवार सुबह किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) लखनऊ में हो गया। उन्हें चार दिन पहले ब्रेन हैमरेज होने के कारण उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उन्होंने आज सुबह 10 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
मशहूर शायर अनवर जलालपुरी का निधन होने से गमगीन हुआ माहौल
श्रीमदभागवत गीता का उर्दू शायरी में अनुवाद करने वाले नामचीन उर्दू शायर को प्रदेश सरकार ने यश भारती सम्मान से नवाजा था। मालूम हो कि 71 वर्षीय जलालपुरी को ब्रेन स्ट्रोक के बाद गंभीर हालत में बृहस्पतिवार देर रात केजीएमयू में भर्ती कराया गया है। वे शाम को अपने बाथरूम में गिरने के बाद से गंभीर रूप से घायल हो गये थे। बाथरुम का दरवाजा तोड़ कर उन्हें बाहर निकालने के बाद परिजनों ने उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया था।
वहां चिकित्सकों ने उनके दिमाग में खून के थक्के, रक्तस्त्राव पाए जाने के बाद उन्हें केजीएमयू रेफर कर दिया था। लखनऊ के हुसैनगंज निवासी उर्दू शायर अनवर जलालपुरी के निधन से साहित्य जगत में शोक है। उनके घर पर देखने वालों का तांता लगा हुआ है। जो भी उनकी मौत की खबर सुन रहा है वह गमगीन हो जा रहा है। सभी की आंखे नम हो रही हैं।
उन्होंने एक चैनल को दिए गए इंटरव्यू के दौरान कहा था कि 10 साल पहले मैंने (जलालपुर में) अपने कॉलेज में कहीं यह बात कह दी थी। किसी चैनल वाले ने इस पर लखनऊ में शियाओं के सबसे बड़े आलिम कल्बे सादिक और सुन्नी आलिम खालिद रशीद, दोनों से राय ली। दोनों ने कहा कि बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, यह समय की जरूरत है. मुस्लिम इंटेलेक्चुअल्स ने भी ताईद की। मैं तय कर चुका था कि इसे इतना आसान बना दूंगा कि हिंदी और उर्दू वाले, दोनों इसे अपनी ही भाषा का कहें। एक शब्द आया असरार, यानी रहस्य। मुझे लगा हिंदी वालों को समझने में दिक्कत होगी, तो मैंने राज का इस्तेमाल किया।