योगी सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी की बात कर रही हो। लेकिन ठंड में बिना स्वेटर के गरीब बच्चों के साथ बड़ा ही शर्मनाक मजाक किया जा रहा है। जी हां! दिसम्बर बीतने को है लेकिन अभी तक सरकारी प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को स्वेटर इसलिए नहीं बंट पाये क्योंकि अभी उसका टेंडर ही नहीं पड़ा है। जब तक टेंडर और दूसरी प्रक्रिया होगी तब तक शायद इन मासूमों को इसकी जरुरत होगी भी या नहीं ये देखने वाली बता होगी। हैरानी तब है जब योगी सरकार ने आते ही सब कुछ बदलाव की बात की है। ऐसे में इन नौनिहालों को ठंड में ठिठुरते देखना इन्हें कैसे भा रहा है ये समझ से परे हैं।जबकि जिम्मेदार अधिकारी सारा जिम्मा शासन पर डाल मुतमुइन हुए जा रहे हैं। ठंड के करीब-करीब दो माह निकलने के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग अभी इस कवायद को पूरा कर पाने में नाकाम रहा। यह कब संभव होगा के सवाल पर जूते-मोजे वितरित बांटने की बात जहां स्कूली जिम्मेदार शीघ्र पूरी कराने का आश्वासन दे रहे हैं। (ठंड से ठिठुर रहे बच्चे)
लखनऊ: ठंड से ठिठुर रहे बच्चे बोले योगी अंकल स्वेटर व जूते दिलवा दीजिए
बख्शी का तालाब विकासखंड क्षेत्र में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग 27 हजार बच्चों को मिलने वाली निःशुल्क किताब, छात्रवृत्ति, मध्याह्न भोजन जैसी योजनाओं में नई योजनाओं को जोड़ा गया था। जिसमें बच्चों को ड्रेस, स्कूली बैग, जूते और सर्दी में स्वेटर वितरित किये जाने का ऐलान किया गया था। लेकिन विभाग की ढुलमुल रवैया के चलते नवम्बर माह से शुरू हुई ठण्ड के बावजूद भी अब तक बच्चों को न स्वेटर ही मिल पायें है और न ही जूते। बच्चे ठिठुरते हुए रोज बिना स्वेटर व जूते के ही विद्यालय आ रहे हैं। शासन तो अभी बच्चों की संख्या के आंकड़े ही जुटा रहा है। उक्त मामले में क्षेत्र के कई विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जूते तो आ चुके हैं। जूते सरैंया विद्यालय में रखे हैं और स्वेटर का टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है। स्वेटर आ जाए तो वितरण किया जाय।
कड़ाके की सर्दी का इंजतार कर रहे हैं अधिकारी
शासन स्तर पर खरीददारी और फिर जिले में खेप आने के बाद ब्लॉकवार पहुंचने में अभी महीनों के समय लगना लगभग तय है। ऐसे में बच्चों को स्वेटर जनवरी में ही मिलने की सम्भावना मानी जा रही है। कहीं ऐसा न हो कि कड़ाके की ठण्ड बच्चों को बिना स्वेटर के ही काटना पड़े। मौजूदा समय में मजे की ठण्ड शुरू हो चुकी है। ठण्ड से बचाने के लिए अध्यापक बच्चों को खुली धूप में बैठाकर पढ़ा रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्वेटर वितरण के क्रम में पूरे जिले के लाभार्थी बच्चों की संख्या ब्लॉकवार शासन को उपलब्ध करा चुका है। इसके बाद भी शासन में बैठे जिम्मेदार अफसर कान में तेल डालकर बैठे हैं और अधिक कड़ाके की सर्दी का इंजतार कर रहे हैं। खंड शिक्षाधिकारी ने बताया कि जूते स्टोर में आ गये हैं। स्वेटर के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से पूरे जिले के सभी विकासखण्डों के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों की संख्या भेजी जा चुकी है। स्वेटर आते ही वितरित कर दिये जायेंगे। (ठंड से ठिठुर रहे बच्चे)
मुरादाबाद: ठंड में बिना स्वेटर जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर बच्चे
दिसंबर के महीने में जब दिन का तापमान दस से बारह डिग्री और रात के पांच या सात है। तब मुरादाबाद जनपद के प्राइमरी स्कूलों में बच्चे बिना स्वेटर के नीचे बैठने को मजबूर हैं। योगी सरकार ने सभी को मुफ्त ड्रेस और किताबें देने का वादा किया था। जो अभी तक आधा ही परवान चढ़ पाया है। ठंड किस कदर है ये जताने की किसी को जरुरत नहीं है। लेकिन बावजूद इसके बिना स्वेटर या अपने स्तर से पहनकर इन बच्चों का जज्बा देखते ही बनता है। पाकबाड़ा के सरकारी प्राथमिक विद्यालय के प्रिंसिपल अनिल शर्मा कहते हैं कि विभाग द्वारा 25 दिसम्बर तक स्वेटर बांटने की बात हुई थी। लेकिन अभी तक उन्हें नहीं मिले हैं इसलिए अभी नहीं बंट पायें हैं। (ठंड से ठिठुर रहे बच्चे)
सीएम योगी के दावों को पलीता लगा रहे अफसर
उधर इस मामले में जब बीएसए संजय कुमार सिंह से पूछा गया। तो उन्होंने कहा कि अभी शासन स्तर से स्वेटर के लिए टेंडर ही नहीं पड़ा है। जब वहां से टेंडर पड़ेगा और उसके बाद फाइनल होने पर स्वेटर मिल पायेंगे। इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा ये सामान्य आदमी भी समझ सकता है। लेकिन ठंड में बिना स्वेटर के इन हालातों को देखकर लगता यही है कि व्यवस्था बदलने के भले ही कितने दावे किये जाते रहे हों, लेकिन सूरत अभी नहीं बदल पाई है। सबसे ज्यादा हैरानी खुद सीएम योगी के दावों पर है। जिन्होंने ड्रेस वितरण को जल्द से जल्द निपटाने को कहा था। ना जाने इस कागजी वयस्था में कब तक टेंडर पास होंगे। लेकिन तब तक गरीबों के बच्चों की हड्डियां ठंड से लोहा लेने को मजबूर हैं। बस इस सब में अगर कुछ सबसे ज्यादा अच्छा लगा वो ये था कि अभावों और गरीबी के बाद भी बच्चे स्कूल आ रहे हैं। (ठंड से ठिठुर रहे बच्चे)
फैजाबाद: सांसद के आवास के पास विद्यालय में नंगे पांव ठिठुरते बच्चे
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को शासन द्वारा मुफ़्त में स्वेटर एवं जूते दिये जाने का ऐलान किया गया था। दिसंबर बिताने को है अब तक स्वेटर एवं जूते वितरण के अभाव में फ़ैजाबाद जिला में सांसद लल्लू सिंह के आवास के महज़ 500 मीटर दूरी पर स्थित प्राथमिक विद्यालय में पचासों बच्चे नंगे पांव ठंड में ठिठुरते हुए विद्यालय जाने को मजबूर हो रहे हैं। अभी यह भी तस्वीर साफ नहीं है कि आखिरकार बच्चों को स्वेटर और जूते पाने के लिए कितने समय का इंतजार करना पड़ेगा। जबकि शासन ने स्वेटर और जूते वितरण के लिए विभाग से छात्र संख्या भी मांग ली गयी है। सुबह स्कूल आते समय नौनिहालों के कांपते होंठ और दांत ठंड की हकीकत बता रहे थे। लेकिन जिम्मेदारों के पास इसका कोई जबाव नहीं है कि इन्हें कब जूते और मोज़े बांटे जायेंगे। लोगों का कहना है कि सांसद के घर से महज़ 500 मीटर दूरी पर स्थित विद्यालय में सुविधाओं का टोटा है।
अमेठी: भीषण ठंड में बिना स्वेटर के ठिठुर रहे बच्चे
प्रदेश के अमेठी जिला के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ड्रेस, बैग, जूते, मोजे और स्वेटर देने के दावे फुस्स साबित हो रहे हैं। बच्चे सर्दी से ठिठुरते हुए स्कूल आ रहे हैं। उन्हें जूते, मोजे और स्वेटर का बेसब्री से इंतजार है। प्रदेश सरकार ने सर्दी की दस्तक से पूर्व ही जूते, मोजे और स्वेटर देने का ऐलान किया था। जिले के परिषदीय स्कूलों में अभी ये वादे पूरे होते नहीं दिखाई पड़ रहे हैं। मुसाफिरखाना के बीईओ एनपी सिंह ने बताया कि सप्ताह भर के भीतर बच्चों को जूते, मोजे वितरित करने का काम पूरा कर लिया जाएगा। (ठंड से ठिठुर रहे बच्चे)
मऊ: प्रिंसिपल बोले जो पूछना है सरकार से पूछो
मऊ जिला के सहादतपूरा इलाके में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय का है। यहां छात्रों को अभी तक स्वेटर की व्यवस्था नहीं कराई गई है। जिला प्र शासन भी इस मामले को लेकर मौन है और छात्र ठंड से ठिठुर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि ठंड काफी है और अभी तक हम लोगों को स्वेटर नहीं मिला है। हम सरकार से अपील कर रहे है की स्वेटर की व्यवस्था करें। इस मामले में जब हमने शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी सरकार की तरफ से स्वेटर नहीं आया है। जो कुछ भी पूछना है शासन स्तर से पूछे। (ठंड से ठिठुर रहे बच्चे)
गोरखपुर: सीएम के गृह जनपद का भी यही हाल
गोरखपुर जिला में भी बिना स्वेटर के बच्चे प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने आ रहे हैं। ऐसे में यह बच्चे कक्षा में पढ़ाई के दौरान ठंड से कांप रहे हैं। साथ ही नीचे बैठ कर पढ़ाई करना भी उनके लिए मुश्किल का सबब बना हुआ है। विभाग द्वारा अब तक स्वेटर का वितरण नहीं किए जाने से बच्चों के लिए ठंड किसी आफत से कम नहीं है। बच्चे स्वेटर की आस में ही विद्यालय आ रहे हैं, लेकिन स्वेटर मिलने की उम्मीद नहीं दिखने से वे निराश हैं। प्राथमिक विद्यालय जंगल सालिकराम में बच्चे ठंड से कांपने को मजबूर हैं लेकिन जिम्मेदार आंखे बंद करके बैठे हैं।
उन्नाव में भी 238000 नैनिहाल कांपने को मजबूर
अप्रैल से शुरू हुए शैक्षिक सत्र 2017 के अंतर्गत बच्चों को जूते, मोजे और स्वेटर की कवायद पूरी करने के निर्देश लगातार दिए जाते रहे। दिसंबर के भी 2 दिन बचे हैं। उक्त वितरण को लेकर सभी निर्देश फिलहाल कागजों पर दिख रहे हैं। यह हाल तब है। जब लगातार सर्दी की कड़कड़ाहट से छात्रों के कांपने का सिलसिला जारी है। जूते-मोजे और स्वेटर के वितरण में कहीं सरकारी काम-काज पर सवाल उठाए जा रहे है। तो कोई शासन स्तर से बजट में लेटलतीफी का ढिंढोरा पीट कर अभी कुछ समय और लगने की बात कह रहा है। स्वेटर वितरण की शिथिल कार्रवाई से उन्नाव जिला में 3134 विद्यालयों के 238000 नैनिहाल कांपने को मजबूर है। जिसके लिए यह नन्हें-मुन्ने बेसब्री से इंतजार कर रहे है।
अखिलेश यादव भी कस चुके तंज
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पिछले दिनों बच्चों के स्वेटर के बहाने योगी सरकार पर निशाना साधा था। परिषदीय स्कूलों में बच्चों को अभी तक स्वेटर न मिलने पर अखिलेश ने ट्वीट किया था। अखिलेश ने लिखा ” सरकार बार-बार स्वेटर के टेंडर कैंसल कर रही है और स्कूल के बच्चे सरकार की तरफ़ से दिए जाने वाले स्वेटर का इंतजार। कहीं ऐसा न हो कि इधर बच्चे झूठी उम्मीदों की आग तापते ही रह जाएं और उधर टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते-होते मई-जून आ जाए।” (ठंड से ठिठुर रहे बच्चे)