भले ही सरकारें विकास के तमाम दावे कर रही हों लेकिन इसकी पोल यूपी के कई गांव हैं जहां खुलती नजर आयेगी। उत्तरप्रदेश को भुखमरी (hunger death) और गरीबी से दूर करने के लिए रोज ही कसमे वादे नेता किया करते हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ताजा मामला भदोही जिले का है यहां एक दिल को झकझोर देने वाली घटना प्रकाश में आई है। इसे सुनकर आप के भी रोंगटे खड़े हो जायेंगे।
यह है पूरा मामला
- दरअसल मामला जिले के ज्ञानपुर तहसील से सटे गोपीगंज थाना क्षेत्र के थानीपुर गांव का है।
- यहां के रहने वाले राधेश्याम बेहद गरीब हैं।
- ग्रामीणों की माने तो उनके घर में एक पहर का खाना भी बहुत मुश्किल से बन पता है।
- खाना बहुत ही परेशानी में दो दिन के अंतराल पर बन पता है।
- साथ ही बड़ा परिवार होने की वजह से किसी का पेट भी नहीं भर पता है।
- राधेश्याम ने बताया कि पिछले 10-15 दिनों से मजदूरी ना मिलने के कारण घर की स्थिति बिगड़ गई।
- भूख से घरवालों की हालत खराब थी।
- वह भी बिना कुछ खाये ही सो गया।
- घर में चूल्हा ना जलने से बड़ा बेटा शिवश्याम (13) भूख से तड़प रहा था लेकिन वह भी पानी पीकर सो गया।
- सुबह जब परिवार वालों ने उठकर देखा तो बेटा गहरी नींद में सो रहा था।
- जगाने पर भी नहीं उठा तो पता चला कि उसकी सांसे थम चुकी हैं।
- फिर क्या था गरीब के घर में कोहराम मच गया।
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‘ई गरीबी हमार बेटवा के खाई ले गयी’
- वैसे तो अपने लाड़ले बेटे की मौत (hunger death) के गम में पूरा परिवार गमजदा है।
- लेकिन विवश मां-बाप के पास कलेजे के टुकड़े को खो देने के बाद अब कुछ और नहीं बचा।
- मां की करुण वेदना लोगों के हृदय को झकझोर देती है।
- बेटे की मौत (hunger death) के गम में डूबी मां की जुबान पर बस एक बात बार-बार आ रही है कि ‘ई गरीबी हमार बेट वा के खाई ले गयी’।
- लाचार बाप अपने पुत्र के शव के पास केवल हाथ मलता ही रह गया।
- छोटे भाई बहन अपने भाई को लेता देख लोगों से केवल यही कहा करते थे कि ‘भईया काहे सोवा बा उठाई द केहू’ इन अबोध बच्चों का भाई के प्रति प्यार देख ग्रामीणों केे आंख से आंसू थम नहीं रहे थे।
डीएम ने भेजवाया अनाज
- भुखमरी (hunger death) की मौत की सूचना मिलते ही गांव में मृतक के घर तहसीलदार जगवीर सिंह गांव में पहुंचे।
- मृतक के पिता ने बताया कि उसके पिता के निधन के बाद से आज तक राशन कार्ड भी उसके नाम रिन्युअल नहीं किया गया।
- अगर यह राशन ही उसे मिलता तो बेटा जिन्दा होता।
- वो कोटे का सामान भी नहीं पा रहा था और आज तक किसी सरकारी लाभ की सुविधा भी नहीं मिली।
- उन्होंने परिजनों की हालत देखी और उनके बयान दर्ज किये।
- मृतक के परिजनों को तहसीलदार ने मदद का आश्वासन दिया।
- इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देशन पर मृतक के घर अनाज की बोरियां भी पहुंचाई गईं।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.