यूपी के राज्य कर्मचारी, शिक्षक और शिक्षाणेत्तर कर्मचारी वेतन विसंगति दूर करने समेंत कुल 18 मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को तैयार है। करीब महीने भर तक सरकार के रूख का इंतजार करने के बाद अब एक बार फिर राज्य कर्मचारियों ने आज से हड़ताल का बिगुल फूंक दिया है। कर्मचारी संगठनों ने साफ किया कि इस बार यह हड़ताल अनिश्चितकाल के लिए होगी।
- कल देर शाम मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने कर्मचारी नेताओं के साथ वार्ता कर उनकी मांगो पर सहमति जताई थी।
- लेकिन लिखित समझौता जारी ना होने के चलते प्रदेश के 20 लाख से अधिक कर्मचारियों ने हड़ताल पर रहने की घोषणा कर दी।
- पिछले महीने अगस्त में भी राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों के एक गुट ने दो दिन की हड़ताल की थी।
- उस वक्त तत्कालीन मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने उनकी मांगों को पूरा करने का भरोसा दिलाया था।
- लेकिन सरकार की तरफ से आश्वासन मिलने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
- जिससे नाराज कर्मचारी नेताओं ने कल रात से ही रोडवेज बसों का चक्का जाम करने की भी चेतावनी दी है।
- कर्मचारियों ने जवाहर भवन और इंदिरा भवन परिसर में तालाबंदी कर यहीं पर आज सुबह सभा बुलाई है।
यूपी में अब राज्य कर्मचारियों-पेंशनरों को मिलेगा कैशलेस इलाज!
ठप होंगी स्वास्थ्य सेवाएः
- मोर्चा अध्यक्ष वीपी मिश्र ने बताया कि सरकारी दफ्तरों में शत-प्रतिशत हड़ताल की तैयारी है।
- इस दौरान सरकार के दफ्तर, निगम, निकाय, प्राधिकरण और अस्पतालों में भी हड़ताल का असर देखने को मिलेगा।
- कर्मचारी नेताओं ने दावा किया कि लखनऊ में हड़ताल के दौरान पीजीआई, केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल, लोहिया अस्पताल इमरजेंसी चिकित्सा व पोस्टमार्टम का काम भी ठप कर दिया जाएगा।
- सीएमओ कार्यालय व स्वास्थ्य भवन में रोजमर्रा के कामकाज ठप रहेंगे।
- इस हड़ताल में नर्स के साथ फार्मासिस्ट के शामिल होने के कारण बीमार तथा तीमारदार भी परेशान होंगे।
1800 करोड़ के नुकसान के बाद राज्य कर्मचारियों की हड़ताल स्थगित
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