उत्तर प्रदेश में बाढ़ की त्रासदी भयावह स्थिति में पहुंच चुकी है. जारी आंकड़ों की मानें तो यूपी में अब तक 24 जनपदों में बाढ़ ने अपना कहर बरपाया है.
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- बता दें की इन 24 जनपदों बाढ़ के चलते 72 लोग डूबकर मारे गए हैं.
- जबकि 3 लोग घायल और एक लापता है.
- यही नही इस बाढ़ के चलते 2 हज़ार से ज्यादा कच्चे और पक्के घर तबाह किये है.
- 24 जनपदों में आई बाढ़ में करीब 1500 गाँव पानी से घिरे हुए है.
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- इन गाँव से संपर्क करने का मार्ग भी फिलहाल ठप है.
- हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जनपद-जनपद दौरा कर बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं.
- मगर अफसरों की लचर कार्यप्रणाली के चलते बाढ़ प्रभावितों को हरसंभव मदद मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
- आइए जानें बाढ़ से आई त्रासदी के बारे में कई जरूरी तथ्य.
यूपी के इन जनपदों में बाढ़ बनी त्रासदी-
- तेज बारिश के चलते बाढ़ ने गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बाराबंकी, बहराइच, मऊ आदि जनपदों में पांव पसार लिए हैं.
- हालांकि, ज्यादातर जगहों पर जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते बाढ़ को एक त्रासदी बनने का अवसर मिला है.
- दरअसल, कई जगहों पर पाया गया है कि ग्रामीणों की बांध रिसाव आदि की सूचनाओं पर त्वरित कदम नहीं उठाया जा रहा है.
- वहीं, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी जिला प्रशासन अपनी ओर मदद की कार्रवाई करने में पूर्णतया सफल नहीं हो पा रहा है.
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एनडीआरएफ की मदद से पहुंच रहा ग्रामीणों को लाभ-
- इस बीच बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जुटी एनडीआरएफ की मदद से ग्रामीणों को काफी लाभ पहुंच रहा है.
- ऐसा नहीं है कि हर जनपद में प्रशासन का लचर रवैया देखने को मिल रहा है.
- मगर ज्यादातर में यही हाल देखने को मिल रहा है.
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- प्रदेश में नदियों के किनारे बसे ग्रामीण क्षेत्रों में हर वर्ष बाढ़ एक विकराल समस्या बनकर सामने आ जाती है.
- इस संदर्भ में सबसे बड़ी दिक्कत होती है पीड़ितों के आशियानों की. हर साल पीड़ितों को अपना सबकुछ गंवाने का दर्द झेलना होता है.
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