उत्तर प्रदेश में मरीजों की संख्या में बहद तेज़ी से इजाफा देखने को मिला है जिसके चलते सरकारी अस्पतालों पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में लोगों को मजबूरी में प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ता है. लेकिन आप को ये जानकर और भी हैरानी होगी कि राजधानी लखनऊ में ही करीब 750 अस्पताल ऐसे भी हैं जो अवैध हैं.

1400 से सिर्फ 650 अस्पताल ही पंजीकृत-

  • लखनऊ जनपद में शहर और ग्रामीण इलाकों कोमिला कर करीब 1400 अस्पताल संचालित हैं.
  • आप को ये जानकार हैरानी होगी कि सीएमओ कार्यालय में सिर्फ 650 अस्पताल ही पंजीकृत हैं.
  • बता दें कि 50 अस्पतालों ने हालकी में पंजीकरण व रिन्यूवल के लिए आवेदन किया है.
  • ऐसे में अगर देखा जाए तो इनका भी संचालन अभी अवैध है.
  • यानी की 700 के करीब अस्पताल शहर से लेकर कस्बों तक बिना लाइसेंस के धड़ल्ले से चल रहे हैं.
  • ऐसे में अफसरों का हाल ये है की राजधानी में चल रहे इस अवैध कारोबार पर उनकी आँखें अभी भी बंद हैं.
  • बता दें कि इन अस्पतालों में खुलेआम ओपीडी से लेकर इमरजेंसी सेवाएं चल रही हैं.
  • जहां ज्यादातर में आइसीयू, ओटी को विसंक्रमित करने की व्यवस्था तक नहीं है.
  • यही नही इन अस्पतालों में घुसते ही आप को बोर्ड पर में बड़े बड़े विशेषज्ञों का नाम लिखा मिलेगा.
  • लेकिन मौके पर आप को कोई प्रशिक्षित डॉक्टर नहीं होता है.
  • प्रबंधन ऑनकॉल डॉक्टर को बुलाकर मरीज का ऑपरेशन व इलाज करवाते हैं.
  • जिसेक बाद डॉक्टर अपना कमीशन लेकर गायब हो जाता है.
  • इस दौरान मरीजों से जमकर वसूली की जाती है.
  • वहीं पैसे खत्म होने व हालत गंभीर होने पर मरीज को ट्रॉमा सेंटर व बलरामपुर अस्पताल भेज दिया जाता है.
  • बता दें  की इन अस्पतालों में रोजाना कई बिगड़े केस इमरजेंसी में पहुंचते हैं.

निरीक्षण के दौरान बगैर पंजीकरण मिले अस्पताल या डायग्नोस्टिक सेंटर-

  • हालत ये है कि पिछले 3 महीने में सीएमओ टीम ने जितने भी अस्पताल या डायग्नोस्टिक सेंटर  निरीक्षण को पहुंची, वह बगैर पंजीकरण मिला.
  • इसमें डायमंड हॉस्पिटल कुर्सी रोड, अपोलो क्लीनिक हजरतगंज, मारुति हॉस्पिटल बुद्धेश्वर बिना पंजीकरण व बगैर मानक के चलते मिला.
  •  इन्हें टीम ने सील कर दिया.
  • जबकि कबीर हॉस्पिटल, न्यू वरदान हॉस्पिटल, जीएल चौरसिया हॉस्पिटल का पंजीकरण रिन्यूवल न होने पर नोटिस देकर पल्ला झाड़ लिया गया.
  • ऐसे ही सूर्या व केयर डायग्नोस्टिक सेंटर का भी पंजीकरण नहीं मिला था.
  • वहीं, शनिवार को छापामारी में उजाला नर्सिग होम का भी पंजीकरण नहीं मिला.
  • इन अस्पतालों पर प्रशासन अंकुश नहीं लगा पा रहा है.
  • तभी ये लोग बिना पंजीकरण अभी भी चला रहे हैं.

मानकों की धज्जियाँ उड़ाते हुए दुकानों में चल रहे अस्पताल-

  • बग्गा, आइआइएम रोड, चिनहट रोड, फैजुल्लागंज, मोहान रोड, कल्याणपुर समेत कई इलाकों में दर्जनों अस्पताल दुकानों में चल रहे हैं.
  • जहां मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
  • हालांकि सीएमओ डॉ. जीएस बाजपेई ने ऐसे अस्पतालों की कार्रवाई का दावा किया है.
  • उन्होंने कहा कि नगर निगम से ऐसे मकानों की सूची ली जाएगी, जहां अस्पताल चल रहे हैं.
  • फिर छापामारी कर इलाज के फर्जी कारोबार पर लगाम लगाई जाएगी.

 

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