रायबरेली जिले में रहने वाली एक गैंगरेप एसिड अटैक पीड़िता (acid attack) ने फिर अपने ऊपर तेजाब फेंकने का आरोप लगाकर सनसनी मचा दी। अलीगंज इलाके में शनिवार रात हुयी इस वारदात से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में आईजी रेंज लखनऊ पुलिस फोर्स के साथ ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। पुलिस ने मामले की जब प्रारंभिक पड़ताल की तो मामला संदिग्ध नजर आ रहा है।
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तीन माह पहले भी लगाया था आरोप
- बता दें कि करीब तीन महीने पहले मार्च के महीने में भी रायबरेली से लखनऊ में अपनी बेटी को परीक्षा दिलाने आते वक्त महिला ने गांव के ही भोंदू और गुड्डू पर तेजाब पिलाने का आरोप लगाया था।
- पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
- हालांकि जीआरपी की जांच में मामला झूठा पाये जाने पर कोर्ट ने दोनों आरोपियों को बरी कर दिया था।
- हालांकि इस घटना के बाद सीएम योगी भी पीड़िता से मिलने ट्रॉमा गए थे और उन्होंने उसे एक लाख रूपये की आर्थिक मदद दी थी।
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हॉस्टल में तेजाब फेंकने का आरोप
- मई में हुई घटना के बाद पीड़िता को अलीगंज स्थित तेजाब पीड़िताओं के हॉस्टल में रखा गया।
- पुलिस के मुताबिक इस हॉस्टल में करीब 80 पीड़िताएं रहती हैं।
- पुलिस के अनुसार, पीड़िता का आरोप है कि शनिवार को वह हॉस्टल के आंगन में नल से पानी भरने के लिए आई थी।
- इस दौरान हॉस्टल की बाउंड्री से चढ़कर एक अज्ञात युवक ने उसके ऊपर तेजाब डाल दिया।
- तेजाब उसके गाल और पीठ पर गिरने से वह झुलस गई।
- इस घटना के बाद पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।
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क्या कहते हैं जिम्मेदार
- इस मामले में आईजी रेंज लखनऊ जय नारायण सिंह ने बताया कि पीड़िता के आरोप के बाद पुलिस की टीम मौके पर गई।
- वहां तैनात सुरक्षा कर्मी और आसपास के लोगों से भी पूछताछ की लेकिन किसी ने व्यक्ति को भागते हुए नहीं देखा।
- आईजी का कहना है कि हॉस्टल की दीवार 8 फिट ऊंची है और बारिश होने से उधर पानी भी भरा है।
- ऐसे में दीवार पर अगर युवक चढ़ के एसिड कैसे फेंक सकता है।
- उन्होंने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद भागने के भी कोई निशान उधर नहीं हैं।
- इससे मामला संदिग्ध लग रहा है।
- उन्होंने बताया फिलहाल पूर्व दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई लेकिन वह दोनों अपने घर पर मौजूद थे।
- उन्होंने बताया की मेडिकल जांच में भी तेजाब नहीं पाया गया और दोनों पूर्व आरोपियों की लोकेशन भी वहां नहीं मिली।
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- आईजी ने बताया कि पहले की जीआरपी की जांच में भी मामला फर्जी पाया गया था।
- उन्होंने बताया कि महिला को दो सुरक्षा कर्मी मिले थे उसने अभी हाल में ही उन्हें भी हटा दिया। हालांकि हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं।
- फिलहाल सच्चाई क्या है इसकी जांच की जा रही है।
- आईजी ने बताया कि एसपी पूर्वी सर्वेश मिश्रा, महिला एसओ पुष्पा अवस्थी और अलीगंज पुलिस रविवार को ट्रॉमा सेंटर पीड़िता की हालत खराब होने की वजह से बयान नहीं हो पाया।
- बता दें कि पीड़िता के पति ने बयान दिया है कि वह जीना नहीं चाहती उसके सीने और गले पर चोट है।
- गौरतलब है कि महिला के दो बच्चे हैं, जायदाद विवाद के चलते उसके साथ 2008 में गैंगरेप की घटना हुई थी।
- वहीं 2011 व 2013 में भी महिला पर तेजाब से हमला हो चुका है।
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