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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट साइकिल ट्रैक पर ग्रहण लगता हुआ दिखाई दे रहा है। करोड़ों की लागत से सपा सरकार में बने साईकिल ट्रैक का विरोध बीजेपी नगर निकाय मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा किया गया है। वहीँ अखिलेश यादव ने ट्विटर के जरिये कहा कि साइकिल ट्रैक पर्यावरण की दृष्टिकोण से सही है।
अगले पेज पर पढ़े कि नगर मंत्री सुरेश खन्ना ने क्यों किया साइकिल ट्रैक का विरोध ?
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नगर मंत्री सुरेश खन्ना ने जताया विरोध
- सपा सरकार में बने साइकिल ट्रैक पर योगी सरकार की नज़रे टेढ़ी हो गयी है।
- सुरेश खन्ना ने अपने बयान में कहा कि साइकिल ट्रैक की न तो उपयोगिता है न आवश्यकता।
- इसलिए सरकार ने इसे समाप्त करने का फैसला लिया है।
- जल्दी ही इसे समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
- सबसे पहले ट्रैक तोड़ने की प्रक्रिया बरेली से शुरू की जाएगी।
- योगी सरकार बनने के तीन महीने बाद अभी तक आधिकारिक तौर पर ट्रैक तोड़ने को लेकर काम शुरू नहीं हुआ है।
https://www.youtube.com/watch?v=Z6vX84j9imM
अखिलेश को कैसे आया आइडिया?
- अखिलेश यादव को साइकिल ट्रैक का आइडिया यूरोपीय देश नीदरलैंड्स के साइकिल ट्रैक देखकर आया था।
- 2014 में अखिलेश यादव नीदरलैंड्स गए थे।
- वहां पर उन्होंने साइकिल ट्रैक बनाने वाली कंपनी को यूपी में भी साइकिल ट्रैक बनाने का न्योता दिया था।
- इस तरह यूपी में साइकिल ट्रैक बनाने की शुरुआत हुई थी।
कहाँ और कितने किलोमीटर बना हैं साइकिल ट्रैक
- आगरा से इटावा के बीच 207 किमी. में बना साइकिल ट्रैक के लिए 1000 करोड़ रुपये की योजना पास की गयी।
- यह एशिया का पहला साइकिल हाइवे है।
- जब से इसका लोकार्पण हुआ है तब से इसका उपयोग नहीं हो रहा है।
- फिर सवाल है कि इसको क्यों बनवाया गया?
क्या सारे पैसे ठीक से खर्च हुए?
- योगी सरकार इसकी जांच में जुटी हुई है।
- अखिलेश सरकार के समय उत्तर प्रदेश में बने साइकिल ट्रैक को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के मंत्री सुरेश खन्ना ने बड़ा बयान दिया है।
- सुरेश खन्ना ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान बने साइकिल ट्रैक तोड़े जाएंगे।
- मंत्री बनने के बाद पहली बार बरेली पहुंचे नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने मीडिया से बात करते हुए कहा।
- समाजवादी सरकार में बने साइकिल ट्रैक को तुड़वाया जाएगा।
- जब उनसे पूछा गया कि साइकिल ट्रैक पर बहुत ज्यादा अतिक्रमण है।
- तब उन्होंने कहा कि साइकिल ट्रैक को जल्द ही तुड़वा दिया जाएगा।
ज्यादातर साईकिल ट्रैक पर है अतिक्रमण
- दरअसल ज्यादातर साइकिल ट्रैक पर अतिक्रमण है।
- जिस उद्देश्य से इन ट्रैक को बनाया गया था वो पूरा नहीं हो सका है।
- ट्रैक बनने से सड़कों की चौड़ाई भी कम हो गई है।
- इससे पहले भी समाजवादी पार्टी के राजनीतिक विरोधी विरोध कर चुके है।
- साइकिल ट्रैक के इर्द गिर्द लाल-हरे रंग की सीमा रेखा बनाने पर भी ऐतराज कर चुके हैं।
- क्योंकि वे इसे एसपी के प्रचार का साधन मानते हैं।
- आपको बता दें कि एसपी का झंडा लाल हरे रंग का है.
अगले पेज पर जाने आखिर कितनी लागत से बना साइकिल ट्रैक
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आगरा से इटावा तक बना है साइकिल हाईवे
- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा 27 नवम्बर को देश के पहले साइकिल हाईवे का उद्घाटन किया गया था ।
- इसका कार्यक्रम सूबे के आगरा शहर में रखा गया था।
- आगरा से इटावा के बीच 207 किमी. में बना साइकिल ट्रैक के लिए 1000 करोड़ रुपये की योजना पास की गयी।
- यह एशिया का पहला साइकिल हाइवे है।
- जब से इसका लोकार्पण हुआ है तब से इसका उपयोग नहीं हो रहा है।
राजधानी में कितना लम्बा बना है साइकिल ट्रैक ?
- 270 किलोमीटर प्रस्तावित है ट्रैक लखनऊ में।
- 80 लाख रुपये 1 किलोमीटर पर हुए है खर्च।
- 60 प्रतीशत काम एलडीए ने किया है वहीँ 40 प्रतीशत पीडब्लूडी द्वारा।
- 204 किलोमीटर साइकिल ट्रैक बनेगा जिसपर करीबन 136 करोड़ खर्च होने का हैं अनुमान।
- पहले फेज में 35 किलोमीटर ट्रैक बन चूका है जिसपर करीबन 31 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
- दूसरे फेज में 31 किलोमीटर ट्रैक बना जिसपर करीबन 34 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
जनता क्या कहती है ट्रैक को लेकर
- आम लोगों से जब uttarpradesh.org ने बात की तो जनता ने साइकिल ट्रैक पर सकारात्मक विचार रखे।
- आम जनता का कहना है की पर्यावरण के नज़रिये से ट्रैक सही बनाया गया है।
- पहले साइकिल चलने वालों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता था।
- जब से ट्रैक बना है तब से साइकिल चलाने वालों को काफी सुविधा है।
- वही आम जनता ने बीजेपी के मंत्री के फैसले को गलत ठराया।
- करोडो की लगत से बने ट्रैक को तोड़ने में भी खर्च होंगे पैसे।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष ने जताई नाराजगी
- सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने uttarpradesh.org से बात में कहा बीजेपी का फैसला गलत है।
- आम जनता अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट से खुश है ।
- साइकिल चलाना सेहत के लिए लाभदायक है जिसकी चलते ट्रैक का निर्माण कराया गया है।
- जनता के पैसों से बना ट्रैक अगर तोड़ा जाता है तो जनता के पैसों का नुकसान होगा।
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