इलाहाबाद: ज्योतिष पीठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य पद के विवाद (badrikashram shankracharya post) के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार 22 सितबर को दिए अपने आदेश में कहा कि इस मामले में आगामी 3 माह में नए शंकराचार्य का चयन किया जाए. बता दें कि ज्योतिष पीठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य पद के विवाद के मामले में इलाहबाद हाईकोर्ट ने स्वामी स्वरुपानन्द सरस्वती को शंकराचार्य नहीं माना है. जिसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया है.
शंकराचार्य का चुनाव मिलकर करें धार्मिक संगठन-
- ज्योतिष पीठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य के पद का विवाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रहा है.
- बता दें कि यहाँ विवाद स्वामी वासुदेवानंद और स्वामी स्वरूपानंद के बीच चल रहा है.
- गौरतलब हो कि दोनों जजों ने शंकराचार्यों को लेकर अलग-अलग मत दिया था.
- निचली कोर्ट ने फैसला वासुदेवानन्द के खिलाफ दिया था.
- जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.
- इसके बाद HC ने लम्बी सुनवाई के बाद 3 जनवरी 2017 को अपना फैसला सुरक्षित किया था.
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- जिसके फैसला आज देते हुए कोर्ट ने स्वामी स्वरुपानन्द सरस्वती को शंकराचार्य नहीं माना है.
- कोर्ट ने ये भी कहा कि स्वामी वासुदेवानन्द भी शंकराचार्य नहीं हैं.
- बता दें कि मामले कि सुनवाई कर रहे जस्टिस केजे ठाकर ने वासुदेवानन्द को सन्यासी माना है.
- इस मामले में कोर्ट ने 3 माह में नए शंकराचार्य का चयन करने के निर्देश भी दिए हैं.
- कोर्ट ने ये भी कहा कि ‘तब तक स्वामी वासुदेवानंद शंकराचार्य के पद पर बने रहेंगे.’
- कोर्ट ने निर्देश देने के साथ ही नए शंकराचार्य का चुनाव धार्मिक संगठन को मिलकर करने को कहा है.
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