सूबे में भाजपा की सरकार आने के बाद तीसरी बार ADG-LO का तबादला हुआ है. पूर्व सरकार के समय ADG-LO रहे दलजीत चौधरी को हटा दिया गया था. इनकी जगह आदित्य मिश्रा को कमान सौंपी गई थी. लेकिन कार्यभार सँभालने के बाद ही सहारनपुर हिंसा में कानून-व्यवस्था की कलई खुल गई थी.
कानून-व्यवस्था सबसे बड़ी चिंता:
- योगी सरकार को इस हिंसक वारदात के बाद आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था.
- कानून-व्यवस्था कायम रखने में नाकाम साबित हुए आदित्य मिश्रा को हटा दिया गया.
- मेरठ अपर पुलिस महानिदेशक आनंद कुमार को अब ये महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.
- कानून व्यवस्था को लेकर घिरी योगी सरकार ने पुलिस महकमे में बड़ा फेेेेरबदल किया.
- 41 आईपीएस अधिकारियों के तबादले कर उन्होंने संकेत दिया कि कानून-व्यवस्था उनकी प्राथमिकता है.
- नंबर दो पुलिस अफसर एडीजी कानून व्यवस्था आदित्य मिश्र को हटाकर आनंद कुमार को कमान सौंपी गई.
- आनंद कुमार इससे पहले मेरठ के अपर पुलिस महानिदेशक रहे हैं.
- वहीँ आदित्य मिश्रा को एडीजी कार्मिक बनाया गया हैं.
तीन महीने में तीसरी बार एडीजी कानून व्यवस्था को हटाया जाना संकेत है कि सूबे की कानून व्यवस्था सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता है. सहारनपुर हिंसा, सीतापुर ट्रिपल मर्डर, रायबरेली में पांच लोगों की निर्मम हत्या के बाद आदित्य मिश्रा पर गाज गिरी है.
बड़ी है चुनौती:
- सहारनपुर हिंसा ने योगी सरकार को मुश्किलों में डाल दिया था.
- योगी सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर परेशान नजर आ रही है.
- योगी सरकार अब इस मुद्दे की गम्भीरता को समझते हुए फूंक-फूंककर कदम उठा रही है.
- आनंद कुमार के लिए अब ये चुनौती है कि सूबे में शांति कायम रहे.
- त्वरित कार्रवाई कर अपराधियों को पकड़ने में अभी तक पुलिस नाकाम रही है.
- डीजीपी के निर्देशों के बाद भी सूबे में कानून का डर अपराधियों के जेहन में नहीं है.
- ऐसे में आनंद कुमार के सामने इन सब चीजों से निपटने का दवाब भी होगा.
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