नगर निगम कर्मचारियों की (municipal corporation) लम्बित माॅगो के निराकरण हेतु नगर निगम कर्मचारी संघ, लखनऊ द्वारा निगम प्रशासन को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि मांगों पर सकरात्मक निर्णय समयवृद्धि के अन्दर नहीं लिया जाता है तो संघ आन्दोलन हेतु बाध्य होगा।
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दो माह से नहीं की गई कार्रवाई
- संघ के अध्यक्ष आनन्द वर्मा एवं महामंत्री राम अचल ने संयुक्त रूप से कहा है कि 15 मई 2017 को एक दिवसीय कार्यबन्दी कर निगम प्रशासन का मांगो पर ध्यानाकर्षण कराये जाने उपरान्त संघ प्रतिनिधियों को उसी दिन बुलाकर वार्ता कराये जाने का आश्वासन दिया गया था।
- आश्वासन के उपरान्त संघ द्वारा इसी शर्त पर आन्दोलन स्थगित किये जाने की घोषणा की गई थी कि यदि मांगों की पूर्ति समयावधि में नहीं की जाती है।
- तो संघ पुनः आन्दोलन हेतु बाध्य होगा, परन्तु लगभग 2 माह से अधिक का समय व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी न तो मांगों पर सार्थक निर्णय लिया गया और न ही संघ से वार्ता की गई।
- जिस कारण कर्मचारी में व्यपाक रोष व्याप्त है।
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कर्मचारियों का नहीं किया जा रहा विनिमितिकरण
- संघ के अध्यक्ष एवं महामंत्री राम अचल द्वारा बताया गया है कि वर्तमान समय में कर्मचारियो की 80 करोड़ की दयता लम्बित है।
- नियमित एवं कार्यदायी कर्मचारियों का भविष्य निधि, ई0पी0एफ0 सामूहिक बीमा, ई0एस0आई0 की स्थिति अत्यन्त दयनीय है।
- वेतन एवं पेंशन समय से प्रदान नहीं की जा रही है।
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- कर्मचारी आवास योजना के अन्तर्गत मनमाना रवैया अपनाया जा रहा है।
- कर्मचारियों की सेवा सम्बन्धी मामलो पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
- चिकित्सा प्रतिपूर्ति में अत्यन्त कठिनाइयां उत्पन्न हो रही है।
- वर्ष 2001 तक नियुक्त कार्यरत कर्मियों शासनादेश के अन्तर्गत विनिमितिकरण नहीं किया जा रहा है।
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- तदर्थ/ धारा 108 के कर्मचारियों का विनिमितिकरण नहीं किया जा रहा है।
- सेवायोजित पारिवारिक पेंशन भोगियो को शासनादेश के अनुसार मंहगाई भत्ता अनुमन्य नहीं किया जा रहा है।
- मृतक आश्रितों को शैक्षिक योग्यता के आधार पर नियुक्ति प्रदान नहीं की जा रही है।
- वित्तीय स्थिति को नियन्त्रण किये जाने हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
- व्यय पर नियन्त्रण नहीं किया जा रहा है। जिस कारण संस्था/कर्मचारियों का भविष्य अन्धकार की दिशा में जा रहा है।
- संघ द्वारा (municipal corporation) यह भी निर्णय लिया गया है कि यदि दिशा में रहते मांगों का निराकरण नहीं किया जाता है तो आन्दोलन संघ की बाध्यता होगी।
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