लखनऊ। जिन निर्धन कैदियों की कोई मदद करने वाला नहीं था उनके लिए एक संगठन मसीहा बनकर खड़ा हुआ। इस संगठन के समाजसेवी लोगों ने 3 लोगों की पैरवी करके उन्हें लखनऊ जिला कारागार से रिहा कराने में मदद की है। जेल की सलाखों के पीछे से निकलते ही इन गरीबों ने संगठन के लोगों को उनके काम के लिए सराहना की है। (poor prisoners releases)
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संगठन ने इनको कराया रिहा
- एसोसिएशन फाॅर प्रोटेक्शन आॅफ सिविल राईट (APCR) के कोआॅर्डिनेटर नजमुस्साकिब खां ने बताया कि 26 अकटूबर 2017 को ज़िला जेल से 3 निर्धन व्यक्तियों जिनका कोई पैरवी करने वाला नहीं था।
- इनको एपीसीआर द्वारा क़ानूनी कार्रवाई एवं अनथक प्रयास और जुर्माना अदा करके रिहाई कराई गई।
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- रिहा होने वाले व्यक्तियों में अबरार मुर्तज़ा पुत्र मुर्तज़ा हुसैन, हज़ारी पुत्र हिम्मत निवासी जमना खेड़ा उन्नाव और रवि शंकर पुत्र सियाराम निवासी भोला खेड़ा लखनऊ हैं।
- नजमुस्साकिब खां ने बताया कि इस अवसर पर वरिष्ठ अधीक्षक लखनऊ जेल पी.एन.पाण्डेय, जेलर त्रिपाठी, डिपटी जेलर लखनऊ जेल, हरबंश पाण्डेय एवं APCR के को आॅर्डिनेटर नजमुस्साकिब ख़ाँ और शान-ए-इलाही मौजूद थे।
- इस कार्रवाई के दौरान जेल प्रसाशन का भरपूर सहयोग रहा।
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कौन है संगठन?
एसोसिएशन फाॅर प्रोटेक्शन आॅफ सिविल राईट (APCR) जो कि दबे-कुचले और वंचित वर्ग को क़ानूनी सलाह देने के लिए हेल्प लाइन, समाजसेवियों के लिए प्रशिक्षण, उत्पीड़ित जनों के क़ानूनी अधिकारों की सुरक्षा-संरक्षा का प्रयास, अन्याय के शिकार लोगों को क़ानूनी सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु प्रोग्राम, शोषण और अन्याय को भारतीय परिदृश्य से मिटाने के लिए कार्यक्रम करती रहती है। (poor prisoners releases)
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