उत्तर प्रदेश में धार्मिक और राजनीतिक रूप से सबसे बड़ा मुद्दा बन चुके ‘राम मंदिर-बाबरी मस्जिद’ विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट के दोनों पक्षों को आपसी सहमति से मामले को सुलझाने की सलाह दी थी। लेकिन सोमवार को बाबरी एक्शन कमेटी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के बाहर समझौता संभव नहीं
- बाबरी मजिस्द एक्शन कमेटी ने कोर्ट से बाहर समझौते से इंकार कर दिया।
- कमेटी का कहना हैकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को ही पहल करनी होगी,
- क्योकि उन्हें केंद्र और यूपी सरकार पर भरोसा नहीं है।
- कमेटी के संयोजन जफरयाब जिलानी ने कहा, जब तक यूपी में योगी और केंद्र में पीएम मोदी रहेंगे,
- इस मुद्दे का निष्पक्ष हल निकल पाना बेहद मुश्किल है।
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- क्योंकि इस मामले में बीजेपी भी एक पक्षकार है।
- वहीं इस मामले में सांसद सुब्रह्रमण्यम स्वामी के तेवर बेहद आक्रमाक तेवर में नज़र आ रहे हैं,
- उन्होंने कहा कि अगर सीधे-सीधे राम मंदिर बनाने का हक नहीं मिला,
- तो 2018 में कानून बनाकर राम मंदिर बनाया जाएगा,
- लेकिन राम मंदिर से जुड़ा कोई समझौता नहीं होगा।
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