गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज ‘BRD मेडिकल कॉलेज’ में 11 अगस्त को ऑक्सीजन सप्लाई खत्म हो जाने के कारण तकरीबन 70 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी. इस मामले में UPATS की टीम ने 29 अगस्त को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी डॉ. पूर्णिमा शुक्ला को गिरफ्तार किया था. आज इन दोनों को भारी पुलिस बल के साथ अपर जिला एवं सत्र न्यायालय-8 में पेश किया गया. जिसके बाद कोर्ट ने इन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
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क्या है पूरा मामला?
- बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 10 व 11 अगस्त को अधिक बच्चों की मौत होने के बाद गोरखपुर के जिलाधिकारी को जांच सौंपी गई थी.
- डीएम की रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से लेकर कई अन्य जिम्मेदार डॉक्टरों को लापरवाही का तो दोषी माना गया था.
- लेकिन ऑक्सीजन की कमी की बात सामने नहीं आई थी.
- मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी थी.
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- मामले में कई स्तरों पर अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही की बातें सामने आई थीं.
- ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली फर्म ने कॉलेज के प्राचार्य से लेकर महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा और अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा तक को कई पत्र भेजे थे.
- लेकिन इसके बावजूद भी किसी ने इसे गंभीरता से लेकर भुगतान के लिए तत्परता नहीं बरती.
- चर्चा में यह भी थी कि घटना से एक दिन पहले मुख्यमंत्री बीआरडी मेडिकल कॉलेज गए थे, जबकि अपर मुख्य सचिव अनिता भटनागर जैन सीएम दौरे से एक दिन पहले ही गोरखपुर पहुंच गईं थीं, फिर भी ऑक्सीजन का भुगतान (Dr Purnima shukla arrested) रुका होने की बात सामने नहीं आई.
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