BRD मेडिकल कॉलेज (brd medical college) में मौतों का सिलसिला लगातार जारी है. 27 और 28 अगस्त को BRD मेडिकल कॉलेज में 42 जानें गई हैं. प्राचार्य डॉक्टर पीके सिंह का कहना है कि मौतों की संख्या थोड़ी अधिक है. उन्होंने बताया है कि इंसेफेलाइटिस के 7 बच्चों की मौत हुई है.
प्राचार्य का बयान: पर्याप्त संसाधन लेकिन बच्चे गंभीर स्थिति में आते हैं भर्ती होने:
उन्होंने कहा कि बच्चे गंभीर स्थिति में यहाँ लाये जाते हैं. संसाधनों के बावजूद उन्हें बचाने की संभावनाएं इसीलिए कम हो जाती है. उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल में दवाओं की कमी नहीं है. लेकिन बच्चे जिस स्थिति में लाये जाते हैं, उनको बचाना कठिन हो जाता है. फिर भी डॉक्टर पूरी ईमानदारी से काम करते हैं. प्राचार्य ने बताया कि जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीने बच्चों के लिए काफी संवेदनशील होते हैं. वहीँ उन्होंने कहा कि पीरियाडिक वार्ड में करीब 350 बच्चे भर्ती हैं. उनका इलाज चल रहा है.
BRD में हुई मौतों ने उठाये सवाल:
- बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अधिक बच्चों की मौत होने के बाद गोरखपुर के जिलाधिकारी को जांच सौंपी गई थी.
- मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से लेकर कई अन्य जिम्मेदार डॉक्टरों को लापरवाही का तो दोषी माना गया था.
- लेकिन ऑक्सीजन की कमी की बात सामने नहीं आई थी.
- मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी थी.
- मामले में कई स्तरों पर अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही की बातें सामने आई थीं.