उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित BRD मेडिकल कॉलेज(BRD medical college) में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने से तकरीबन 50 से भी अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है, वहीँ सरकार मामले में अब भी लीपापोती में लगी हुई है। हादसे के तुरंत बाद योगी सरकार की ओर से बयान जारी कर ये कहा गया कि, ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने से नहीं बल्कि इन्सेफ्लाइटिस की वजह से मौते हुई हैं। सरकार के इस दावे की हवा कुछ ही देर में निकल गयी जब ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से 30 से अधिक बच्चे मौत के मुंह में समा चुके हैं। सबसे ज्यादा मज़े की बात ये है कि, हादसे से ठीक दो दिन पहले मुख्यमंत्री योगी ने उसी मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण भी किया था। हादसे के बाद योगी सरकार पर सवाल उठाये जा रहे हैं जो कि, लाजिमी भी है।
अधिकारियों ने पहले एक्शन क्यों नहीं लिया?(BRD medical college):
- गोरखपुर में 50 से अधिक बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन है? यह चर्चा का विषय है।
- मेडिकल कॉलेज में लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो रही है, इस बात की जानकारी सभी अधिकारियों को थी।
- इसके बावजूद अधिकारियों में कोई एक्शन क्यों नहीं लिया? उन्होंने मामले में चुप्पी क्यों साधी?
- सीएम योगी के दौरे के ठीक पहले प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा अनीता जैन भटनागर ने BRD का दौरा किया था।
- उन्होंने इस बाबत अधिकारियों से मामले की जानकारी क्यों नहीं ली?
ऑक्सीजन सप्लाई बाधित नहीं हुई तो गोरखपुर डीएम क्यों परेशान हैं?(BRD medical college):
- ऑक्सीजन सिलेंडर डीलर मनीष के मुताबिक, सुबह से दो बार डीएम साहब से बात हुई है,
- उन्होंने पेमेंट होने का आश्वासन देकर सप्लाई जल्द शुरू करने की बात कही है।
- गोरखपुर प्रशासन ने ही शासन को इस बात की जानकारी दी होगी कि, मामला ऑक्सीजन की कमी से नहीं बिगड़ा है।
- ऐसे में गोरखपुर डीएम के खिलाफ भी क्या सस्पेंड या तबादले का एक्शन लिया जायेगा?
- और यदि वास्तव में ऑक्सीजन की कमी नहीं थी तो गोरखपुर डीएम की परेशानी का कारण क्या है?
ऑक्सीजन सिलेंडर का पैसा क्यों रोका गया?(BRD medical college):
- BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले के पास 7 साल का टेंडर है।
- पिछले 3 सालों में एक बार भी पेमेंट की समस्या नहीं हुई।
- इसके बावजूद पिछले छह महीने से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले का पेमेंट रुका हुआ है।
- जिसके बाद सवाल ये उठता है कि, ऑक्सीजन सिलेंडर का पेमेंट किसके इशारे पर छह महीने तक रोका गया।
- डीलर के मुताबिक, पिछले छह महीने का करीब 83 लाख रुपये बकाया था।
- सप्लाई कम होने पर डीएम के कहने पर कुल 22 लाख का पेमेंट किया गया था।
- इतना ही डीलर के मुताबिक, पेमेंट के लिए अधिकारियों को करीब 100 पत्र लिखे गए हैं।
सिर्फ 7 मौतों के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश क्यों?(BRD medical college):
- हादसे के बाद सरकार की ओर से बयान जारी किया गया था, जिसमें 7 लोगों की मौत की बात कही गयी थी।
- इसके साथ ही सरकार ने मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए हैं।
- जिसके बाद ये सवाल उठता है कि, अगर 7 मौते ही हुई हैं तो सरकार ने मजिस्ट्रेट के जांच के आदेश क्यों दिए?
- इतना ही नहीं सरकार को ये भी कहना पड़ा कि, गोरखपुर डीएम मौके पर हैं और स्थिति नियंत्रण में है।
ब्लैक लिस्टेड कंपनी को ऑर्डर क्यों?(BRD medical college):
- BRD मेडिकल कॉलेज ने जिस कंपनी को सप्लाई का आर्डर दिया वो मेडिकल कॉलेज से 300 किमी की दूरी पर स्थित है।
- इतना ही नहीं सबसे शानदार बात ये है कि, सूत्रों के अनुसार कंपनी ब्लैक लिस्टेड है।
- जबकि 45 किमी दूर गीडा में ऑक्सीजन सिलेंडर की मोदी फर्म मौजूद है।
- ऐसे में सवाल उठता है कि, एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को सप्लाई का आर्डर क्यों और किसके कहने पर दिया गया?
अफसरों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से छिपाई सही रिपोर्ट(BRD medical college):
- बीते बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गोरखपुर दौरे पर थे।
- जिस दौरान सीएम योगी ने BRD मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था।
- सिर्फ निरीक्षण ही नहीं सीएम योगी ने मेडिकल कॉलेज के अफसरों के साथ 2 घंटे मीटिंग भी की थी।
- उसके बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मेडिकल कॉलेज की सही स्थिति से अंजान रखा गया।
- जबकि मामले की जानकारी प्रिंसिपल सेक्रेटरी चिकित्सा शिक्षा और डीएम, सीएमओ, कॉलेज के प्रिंसिपल,
- सभी को थी, उसके बावजूद मुख्यमंत्री योगी को सब ठीक है के सब्जबाग क्यों दिखाए गए।