बच्चा गोद देते समय विधिक प्रक्रिया का सख्ती से अनुपालन करें। इसके साथ ही बच्चा प्राप्त होते ही गोद देने सम्बन्धी नियमों के तहत आवश्यक कार्यवाही जल्द से जल्द की जानी चाहिए, जिससे कम से कम समय में बच्चे को इच्छुक दम्पति को गोद देकर पारिवारिक वातावरण में भेजा जा सके। ये आदेश उत्तर प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण, मातृ -शिशु कल्याण मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने उत्तर प्रदेश की दत्तक ग्रहण इकाइयों को दिया है।
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समय-समय पर होगी जांच
- मातृ-शिशु कल्याण मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा प्रक्रिया से जुड़ी सभी इकाइयां अपना कार्य अविलम्ब करें।
- यह समाज सेवा का ऐसा कार्य है जिसमें एक अबोध जीवन का सम्पूर्ण भविष्य जुड़ा है।
- एक बच्चे को परिवार से जोडऩा सिर्फ सरकारी जिम्मेदारी ही नहीं है।
- यह एक बहुत बड़ा सामाजिक दायित्व भी है।
- प्रदेश सरकार बच्चों की सुरक्षा के लिए भी उतनी ही प्रतिबद्ध है जितनी महिलाओं की सुरक्षा के लिए।
- प्रो. जोशी योजना भवन में प्रदेश की दत्तक ग्रहण इकाइयों के साथ समीक्षा बैठक की।
- जनपदवार दत्तक ग्रहण इकाइयों पर वर्तमान में बच्चों की संख्या आदि की समीक्षा की गई।
- समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि जिला प्रोवेशन अधिकारी जनपद में यह सुनिश्चित करेगा।
- कोई भी अपंजीकृत इकाई बच्चा गोद देने का कार्य न करें।
- इसके अलावा शिशुओं की अवैध रूप से गोद दिये जाने की प्रक्रिया को रोकें।
- प्रमुख सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार ने कहा समय-समय पर जनपदों में इन इकाइयों का निरीक्षण होगा।
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दूसरे जिले में भेजते समय करे सूचित
- साथ ही गलत अंकन पाये जाने पर संचालक के विरुद्ध एफआईआर करायी जायेगी।
- उन्होंने कहा कि जिन एनजीओ पर सीबीआई जांच चल रही है।
- उन्हें सरकार द्वारा वित्तीय सहायता का फण्ड रिलीज नहीं किया जायेगा।
- और उनकी इकाई के बच्चे दूसरी इकाइयों में तत्काल स्थानान्तरित कर दिये जायें।
- उन्होंने कहा इकाइयों के बच्चों को एक से दूसरे जिले में भेजते समय बाल कल्याण समिति की अनुमति आवश्यक है।
- अन्यथा की स्थिति में इसे अपराध माना जायेगा।
- बढ़ते बच्चों की हर छह माह में फोटो लेकर रखना भी आवश्यक है।
- उन्होंने आदेश दिया कि बच्चों का चिकित्सीय परीक्षण एमबीबीएस डॉक्टर से ही कराया जाए।
- बच्चा प्राप्त होते ही 72 घंटे में उसका विवरण वेबसाइट पर अपलोड किया जाना आवश्यक है।
- बच्चा गोद देने की प्रक्रिया के संदर्भ में वेबसाइट पर समस्त नियम निर्देश हिन्दी एवं अंग्रेजी में उपलब्ध हैं।
- इकाइयां इसका अध्ययन अवश्य करें तथा गोद देने की प्रक्रिया का विधिसम्मत अनुपालन सुनिश्चित करें।
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