गोमती रिवर फ्रंट (Gomti River Front) परियोजना में भ्रष्टाचार व गड़बड़ी के लिए चिह्न्ति इंजीनियरों, अधिकारियों की सजा तय करने से पहले नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में गठित समिति बुधवार को मौका-मुआयना करेगी। इंजीनियरों से पूछताछ का क्रम जारी रहेगा। 15 जून तक समिति को अपनी सिफारिश मुख्यमंत्री को सौंपनी है।
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सीएम ने किया था निरीक्षण
- मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने गोमती चैनेलाइजेशन (गोमती रिवर फ्रंट) परियोजना का निरीक्षण किया था।
- उन्होंने योजना में धन का दुरुपयोग होने की बात कहते हुए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आलोक सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की थी जिसने अपनी जांच में ढेरों गड़बड़ियां पायी थीं।
- इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंत्री सुरेश खन्ना को अध्यक्ष बनाते हुए ‘कार्रवाई निर्धारण समिति’ बनाई।
- तीन चरणों की बैठक के बाद समिति ने अब गोमती फ्रंट परियोजना का स्थलीय निरीक्षण करने का निर्णय लिया है।
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- बुधवार को यह समिति मौका मुआयना करने पहुंचेगी।
- इस दौरान इंजीनियरों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।
- वहीं गोमती रिवर फ्रंट निर्माण कार्य जारी रहने की जानकारी देते हुए सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि भ्रष्टाचार के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
- गोमती नदी में पर्याप्त पानी नहीं होने की समस्या का समाधान कराने को शारदा नहर से आपूर्ति की बात कही।
- सिंचाई मंत्री ने बताया कि रिवर फ्रंट (Gomti River Front) को रोकने की मंशा नहीं है परंतु सरकार कम खर्च कर अवशेष निर्माण कार्य पूरा कराने की कार्ययोजना तैयार कर रही है।
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