राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने वर्ष 1985 मेें जारी हुए (forced retirement) शासनादेश को इस सरकार में तत्काल प्रभाव से अमल किए जाने पर चिन्ता जताते हुए कहा कि एकाएक लम्बे अरसे से काम कर रहे कर्मचारी को अक्षम बताकर सरकार उस कर्मचारी के हक का सीधा हनन कर रही है।

  • उन्होंने बताया कि पिछले एक माह से चली इस प्रक्रिया में अब तक कई ऐसी शिकायतें आ चुकीं हैं।
  • जो इस बात का संकेत देती हैं कि 50 साल आदेश की आड़ में अधिकारी मनमाने निर्णय ले रहे हैं।
  • इस सम्बंध में उन्होंने परिषद के सभी जिलाध्यक्षों एवं मंत्रियों को एक प्रोफार्मा प्रेषित कर जनपदों में हो रही 50 साला कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा मांगा है।
  • परिषद के नेताओं का मानना है कि जनपदों से मिलने वाले ब्यौरे का अध्ययन करने के उपरान्त ही आन्दोलन का निर्णय लिया जाएगा और यह आन्दोलन प्रदेश स्तर पर होगा।

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गलत तरीके से सेवाच्युत करने की प्राप्त हो रही हैं शिकायतें

  • परिषद की तरफ से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि राज्य कर्मियों को 50 वर्ष से ऊपर उम्र पार करने पर गुण-दोश के आधार पर 1985 के सरकार के आदेश को सख्ती से लागू करते हुए छटनी करने का दबाव बनाया गया है।
  • प्रदेश के कई जिलों और विभाग के कर्मियों द्वारा गलत तरीके से सेवाच्युत करने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।
  • इसकी आशंका पहले ही राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद सरकार को जता चुकी है।
  • तथा परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी एवं महामंत्री शिव बरन सिंह यादव द्वारा सरकार को पत्र लिखकर कर्मचारियों की भावना से अवगत करा दिया है।
  • अधिकारी अपने द्वेष की पूर्ति मनमाने भ्रष्टाचार में लिप्त न होने, अधिकारियों द्वारा दिये जा रहे नियम विरूद्ध कार्यों का विरोध करने, जातिगत भावना, राजनैतिक भावना आदि के तहत सेवानिवृत करना चाहते हैं।
  • राज्य कर्मचारी (forced retirement) संयुक्त परिशद शीघ्र आकड़े इक्ट्ठा कर इसका विरोध करेगा और इस प्रकार के उत्पीड़नात्मक सेवानिवृति को नही होने देगा।

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1- सेवानिवृत किये गये कार्मिक की 10 वर्श की गोपनीय चरित्र पंजिकायें।
2- किसी प्रकार लघु दण्ड जैसे- प्रतिकूल प्रविष्टि सत्यनिष्ठा संदिग्ध, निन्दित, रिकवरी आदेश, अस्थाई तौर
पर रोेकी गई वार्षिक वेतनवृद्धि सम्मिलित हो।
3- किसी प्रकार के वृहद दण्ड जैसे स्थाई तौर पर रोकी गयी वार्षिक वेतनवृद्धि, किसी प्रकरण पर
अभियोजन स्वीकृत, उक्त प्रकरण पर न्यायालयी वर्तमान स्थिति।
4- किन्हीं पारिवारिक व्यक्तिगत मुकद़मों में जेल अथवा अभियोजन स्वीकृत तथा अब तक की न्यायालयी
स्थिति।
5- विभाग में उक्त कार्मिक द्वारा किसी उच्च अधिकारी के विरूद्ध किये गये आन्दोलन एवं प्रकरण की पूर्ण
जानकारी।
6- शारीरिक दुर्बलता/अपंगता की स्थिति।

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किसी कर्मी का ना हो अनावस्यक उत्पीड़न

  • परिषद की तरफ से कहा गया है कि अभी जिलाधिकारी फर्रूखाबाद द्वारा 576 कर्मचारियों को जेल मैनुअल के विरूद्ध जेल दर्शन कराने।
  • वहां लेजाकर कर्मियों को धमकाने तथा विरोध करने पर कर्मचारी नेताओं के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद प्रमुख सचिव गृह अविन्द कुमार की मध्यस्थता में परिषद के प्रान्तीय अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी को फर्रूखाबाद भेजकर वार्ता कर प्रकरण समाप्त कराया गया था।
  • अब जिलाधिकारी ने अपने उन्हीं मातहतों को सेवाच्युत द्वेष भावना से कर दिया।
  • इसी प्रकार के तमाम प्रकरण संज्ञान में आ रहे हैं।
  • अतः परिषद का स्पष्ट मत है कि (forced retirement) किसी कर्मी का अनावश्यक उत्पीड़न न हो इसलिए प्रत्येक जनपद से विस्तृत जानकारी ली जा रही है।

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