उत्तर प्रदेश में बढ़ते डेंगू के कहर से जहाँ आम जनता दहशत में है, वहीँ स्वास्थ्य अधिकारी और नगर निगम अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को सिर्फ कागज़ पर बखूबी निभा रहे हैं।
राजधानी गन्दगी से पटी पड़ी, नगर निगम सफाई के नाम पर कर रहा है हवाबाजी:
- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत पूरे राज्य में डेंगू का कहर अपने चरम पर है।
- वहीँ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और नगर निगम के कर्मचारी सिर्फ सफाई की कोरी बातें करते हैं।
- लखनऊ के स्वास्थ्य अधिकारी पीके सिंह के मुताबिक, 16 अगस्त से हर जोन में सफाई अभियान चलाया जा रहा है।
- जिनमें कूड़ा उठाने, नालियों में चूना और ब्लीचिंग का छिड़काव किया जा रहा है।
- उन्होंने आगे बताया कि, फॉगिंग के लिए सुबह 16 तो शाम को 26 गाड़ियाँ काम पर लगी हैं।
- हर गाड़ी को अलग-अलग दिन में अलग-अलग जगह के लिए फिक्स किया गया है।
- इसके अलावा घरों और दुकानों के सामने गन्दगी फैलाने वाले करीब 1000 को नोटिस जारी किया जा चुका है।
- आदेश नहीं मानने की दशा में जुर्माना लगाया जायेगा।
- स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि, लोगों की जागरूकता हेतु पर्चे बांटे जा रहे हैं।
- जिनमें डेंगू के लक्षणों और उनसे बचाव के तरीके भी बताये गए हैं।
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सारे वादे हवाबाजी, सिर्फ कागजों पर हो रहा काम:
- स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम कर्मचारी सिर्फ खयाली दुनिया में ही काम कर रहे हैं।
- जमीनी स्तर पर उनकी हकीकत काफी जुदा है।
- जिसका सबसे बड़ा उदाहरण राजधानी समेत पूरे प्रदेश में डेंगू से होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है।
- राजधानी इलाकों में बड़े लोगों की कॉलोनियों को छोड़कर नगर निगम सफाई और फॉगिंग की सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है।
- फॉगिंग मशीन कहीं कहीं दिन में एक बार आती है, जबकि राजधानी लखनऊ के कई वार्डों में फॉगिंग मशीन पहुँचती भी नहीं है।
- इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी पहले से जानते थे कि, इस साल डेंगू की समस्या अन्य सालों के मुकाबले ज्यादा होगी।
- उसके बावजूद सफाई और बचाव कार्य इतना देरी से क्यों शुरू हुआ?
- देर से शुरू होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है।
- यही हाल नगर निगम कर्मियों का भी है।
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